प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारत में स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य देखभाल पर प्रति व्यक्ति सरकारी खर्च जो 2013-14 में 1,042 रुपये था 2021-22 में तीन गुना बढ़कर 3,169 रुपये हो गया है। यह वृद्धि भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।
देश के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च निजी खर्च से अधिक हो गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में स्वास्थ्य देखभाल पर कुल खर्च में सरकारी स्वास्थ्य खर्च की हिस्सेदारी 2013-14 में 28.6 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 48 प्रतिशत हो गई।
वहीं इस अवधि में स्वास्थ्य देखभाल पर निजी खर्च 64.2 प्रतिशत से घटकर 39.4 प्रतिशत रह गई। यह बदलाव लोगों पर वित्तीय बोझ को कम करने और नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ बनाने के सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।
आयुष्मान भारत जैसी पहल का असर
स्वास्थ्य देखभाल के सरकारी खर्च में वृद्धि आयुष्मान भारत जैसी पहल का परिणाम है, जिसके तहत भारत में 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख रुपये का बीमा कवरेज मिलता है।