‘2026 तक नक्सलियों से मुक्त होगा देश, इस साल 237 का हुआ खात्मा’: अमित शाह

अगले डेढ़ साल में (31 मार्च 2026 तक) नक्सलवाद से पूरी तरह से खत्म करने की रणनीति पर मुहर लग गई। नक्सल प्रभावित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पुलिस महानिदेशकों, मुख्य सचिवों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रियों और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस के साथ-साथ विकास व जनकल्याणकारी योजनाओं को शतप्रतिशत जनता तक पहुंचाने पर जोर दिया।

उन्होंने नक्सलवाद को आदिवासी क्षेत्रों के विकास में सबसे बड़ी बाधा बताते हुए,उसे संपूर्ण मानवता का दुश्मन करार दिया। उन्होंने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए हमें नक्सलवाद को समूल नष्ट करना होगा। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में मिली सफलता में राज्यों के सहयोग की सराहना करते हुए अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए सुझावों पर जल्द ही अमल का आश्वासन दिया।

‘नक्सलवाद पर एक अंतिम प्रहार करने की जरूरत’

अमित शाह ने कहा कि बिहार व झारखंड के चकरबंधा और बूढ़ा पहाड़ जैसे कई क्षेत्र वामपंथी उग्रवाद से पूरी तरह से मुक्त हो चुके हैं और छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों के 85 फीसद कैडर क्षमता समाप्त कर दी गई है। उनके अनुसार अब नक्सलवाद पर एक अंतिम प्रहार करने की जरूरत है।

इसके लिए उन्होंने नक्सली इलाकों में नए-नए सुरक्षा कैंप स्थापित कर नक्सलियों के सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने और रोड, मोबाइल और वित्तीय कनेक्टिविटी (3सी) के माध्यम से आम लोगों तक जनकल्याणकारी व वित्तीय योजनाओं को पहुंचाने पर जोर दिया।

सुरक्षा की कमियों को पूरा करने के लिए दिया काम का ब्यौरा

इस सिलसिले में उन्होंने मोदी सरकार के दौरान 10 सालों में सुरक्षा की कमियों को पूरा करने और विकास योजनाओं की गति बढ़ाने के लिए किये गए कामों का ब्यौरा दिया। इनमें 14,400 किलोमीटर सड़क निर्माण, 6000 मोबाइल टावर लगाने व 3551 को 4जी बनाने और 165 एकलव्य स्कूल खोले जाने का हवाला दिया नक्सल विरोधी आपरेशन और विकास योजनाओं के शतप्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्रियों को महीने में एक बार और पुलिस महानिदेशकों को हर 15 दिन में समीक्षा करने को कहा।

इस सिलसिले में उन्होंने नक्सल प्रभावित राज्यों को छत्तीसगढ़ में मिली सफलता से प्रेरणा लेने को कहा।उनके अनुसार एक तरफ नक्सल विरोधी अभियान में तेजी लाने से छत्तीसगढ़ में इस साल जनवरी से अभी तक 237 नक्सली मारे गए, 812 गिरफ्तार हुए और 723 ने आत्मसमर्पण किया।

‘नक्सलवाद से किसी का फायदा नहीं होगा’

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यक्तिगत व परिवार कल्याण की केंद्र व राज्य सरकार की लगभग 300 योजनाओं को 100 फीसद क्रियान्वयन में जुटी है। इसकी वजह से नक्सलवाद से मुक्त हुए इलाकों के लोगों तक गांव में स्कूल, सस्ता अनाज, सस्ती दवाइयां और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों का लाभ मिलने लगा है। शाह ने एक बार फिर नक्सलवाद में शामिल युवाओं से हिंसा छोड़कर राज्यों के पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने और मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से किसी का फायदा नहीं होगा, ये बात पूरी तरह से सिद्ध हो चुकी है।

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