दिल्ली की सीएम आतिशी का कहना है, “दिल्ली में प्रदूषण रोधी उपायों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। हमने 99 टीमें बनाई हैं, जो पूरी दिल्ली में धूल नियंत्रण उपाय कर रही हैं। हमने 325 से अधिक स्मॉग गन तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए उनके सभी संसाधन पीडब्ल्यूडी और एमसीडी ने तैनात कर दिए हैं। आनंद विहार, दिल्ली और यूपी की सीमा पर होने के कारण, एक ऐसा हॉटस्पॉट है, जहां एक्यूआई सबसे अधिक है।’
दिल्ली की सीएम आतिशी का कहना है, ”सिर्फ वायु प्रदूषण ही नहीं, बल्कि पिछले कुछ दिनों से यमुना नदी में भी प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली की वायु और जल प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण भाजपा की ओछी राजनीति है। पंजाब में आप सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए दो साल तक अथक प्रयास किया है। पिछले साल पंजाब में पराली जलाना आधा हो गया था। हरियाणा के आंकड़ों पर नजर डालें तो खेतों में आग लगने की घटनाओं में 23% की बढ़ोतरी हुई है। यूपी में खेतों में आग लगने की घटनाएं 70% बढ़ीं।
आतिशी ने कहा, भाजपा दिल्ली की जनता के साथ ओछी राजनीति कर रही है। सबसे ज्यादा एक्यूआई रिकॉर्ड करने वाले आनंद विहार में बसों को देखें तो दिल्ली की सभी बसें सीएनजी या बिजली से चलती हैं, लेकिन अगर हम यूपी और हरियाणा से आने वाली बसों को देखें तो आनंद विहार इलाके में जो प्रदूषण दिख रहा है उसका एक अहम कारण यूपी से आने वाली हजारों डीजल से चलने वाली बसें हैं। हरियाणा और यूपी क्यों नहीं? सरकारें अपने बेड़े में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें शामिल करती हैं? एनसीआर में 3800 ईंट भट्टे हैं, जो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में बहुत योगदान देते हैं।’
सीएम आतिशी ने कहा, ‘मैंने और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सभी प्रदूषण नियंत्रण उपायों की निगरानी के लिए व्यक्तिगत रूप से क्षेत्र का दौरा किया है। किसी भी प्रकार की धूल से बचने के लिए क्षेत्र की सभी सड़कों की मरम्मत की गई है। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया है। हम यूपी सरकार से भी बात करेंगे। आनंद में प्रदूषण का प्रमुख कारण विहार यूपी से आने वाली बसें हैं। हरियाणा और यूपी अपने अनुपचारित अपशिष्टों को यमुना में छोड़ते हैं।’
बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में बीते 13 दिनों में 2,762 जगहों पर धूल रोधी अभियान चलाया गया। इसमें प्रदूषण फैलाने वाली जगहों पर करीब 17.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ में 76 जगहों पर काम कर रहीं एजेंसियों को नोटिस भी दिया गया। अभियान में 13 संबंधित विभागों के अधिकारियों की 523 टीमें लगी हुई हैं। दिल्ली सरकार की सख्त हिदायत है कि निर्माण स्थलों पर धूल रोकने से जुड़े 14 नियमों को पूरी तरह लागू करना जरूरी है। ऐसा न करने वाली निर्माण एजेंसियों पर कार्रवाई होगी।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में ग्रीन वॉर रूम से प्रदूषण पर निगरानी हो रही है। कई दूसरी तरह के काम भी हो रहे हैं। इसमें धूल रोधी अभियान, बायो डीकम्पोजर का छिड़काव, पौधरोपण अभियान, मोबाइल एंटी स्मॉग गन समेत जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ अलग-अलग विभागों की 523 टीमें ऐसी हर जगह की जांच कर रही हैं, जहां से धूल उड़ सकती है। निर्माण स्थलों के लिए 14 सूत्रीय नियम लागू है। सात नवंबर तक चलने वाले इस अभियान में जहां भी कोई धूल रोकने के नियम का पालन नहीं करेगा, उस पर कानूनी कार्रवाई की होगी। इसके बाद भी अगर निर्माण एजेंसी नहीं मानी तो निर्माण स्थल ही बंद कर दिया जाएगा।