उज्जैन: फसल की कम पैदावार से दुखी किसान ने 14 बीघा सोयाबीन में लगा दी आग

किसान अपनी फसल को तैयार करने में खाद-बीज से लेकर हकाई-जुताई में हजारों रुपए खर्च करता है, ताकि उसे अच्छा मुनाफा हो सके। मगर कई बार ऐसी स्थिति भी बनती है कि फसल कटाई के बाद किसान को लगाई गई लागत निकलना भी मुश्किल हो जाता है। उज्जैन के बड़नगर में इसी तरह के हालात बने। यहां के किसान हीरालाल पाटीदार ने अपनी सोयाबीन की फसल में आग लगा दी। उन्होंने अपनी 28 मे सोयाबीन की बोवनी की थी और उसकी बोवनी, खाद-बीज, हकाई, जुताई और कटाई में ही उन्होंने लगभग हजारों रुपए खर्च कर दिए। फसल तैयार होने में करीब चार महीने इंतजार भी किया। मगर जब कटाई की बारी आई तो सोयाबीन की पैदावार लागत से भी कम हुई। जबकि उपज निकलवाने में थ्रेशर व मजदूरों का खर्चा अलग से हो गया। इसी बात से दुखी होकर किसान ने अपनी सोयाबीन फसल में आग लगा दी।

बडनगर तहसील के गांव अजड़ावदा के किसान हीरालाल पाटीदार ने अपने 28 बीघा खेत में आरवीएसएम 1135 वैरायटी की सोयाबीन लगाई थी। 14 बीघा की सोयाबीन फसल को मजदूरों से कटवाकर ढेर लगा दिया था तथा 14 बीघा में फसल खड़ी थी। प्राकृतिक आबदा के कारण किसान की किस्मत ने साथ नहीं दिया और जब थ्रेशर मशीन से सोयाबीन निकालना प्रारंभ की तो उत्पादन देख किसान के होश उड़ गए और उसने अपने हाथों से ही अपनी खून पसीने की मेहनत वाली 14 बीघा की सोयाबीन फसल के ढेर को आग के हवाले कर दिया।हीरालाल पाटीदार ने बताया कि सोयाबीन फसल में काफी नुकसान हुआ है। फसल खराब होने से मेरा खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। मात्र 20 से 25 किलो सोयाबीन एक बीघा में से निकली। इसमें सोयाबीन निकालने वाली मशीन का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा था। इस कारण 14 बीघा खेत की सोयाबीन फसल को मैंने आग लगा दी। 14 बीघा की सोयाबीन हार्वेस्टर मशीन से कटवाई जिसमें 4-5 थैले भराए हैं। जबकि हार्वेस्टर वाले को ही 30 हजार रु फसल कटाई के देने हैं। ऐसे में लागत अधिक होने के चलते लगभग 2 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। बीमा कम्पनी व कृषि अधिकारी आदि के बारे में कहना था कि सभी लोग आकर फसल देख कर गए हैं। आसपास जिन किसान भाईयो ने आरवीएसएम 1135 बोयी है। उन सभी का नुकसान हुआ है।

इनका कहना

पाटीदार के खेत की सोयाबीन को पीला फंगस लग गया था। बाद में ज्यादा बारिश के कारण सोयाबीन खराब हो गई थी। मौका मुआयना कर फसल के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट दे दी थी। सोयाबीन जलाने की जानकारी भी तहसीलदार को दे दी है। – सतीश शर्मा, हल्का पटवारीआपके द्वारा फसल जलाने की जानकारी दी है। दिन में किसान के खेत पर जाकर मौका पंचनामा बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज देंगे।– पूजा जजमे, कृषि विस्तार अधिकारी अजडावदा

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