उत्तराखंड: 21 व 22 नवंबर को होने वाले सहकारी समितियों के चुनाव टले

केदानाथ विधान सभा उप चुनाव को देखते हुए प्रदेश की बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के चुनाव टल गए हैं। राज्य की 674 सहकारी समितियों के चुनाव 21 व 22 नवंबर के स्थान पर अब 16 और 17 दिसंबर को होंगे। सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। वहीं, समितियों के चुनाव से 45 दिन पहले बने वे सदस्य जिसने किसी एक साल समितियों से किसी तरह का लेन-देन नहीं किया वे भी मतदान कर सकेंगे। प्राधिकरण ने उन्हें मतदान करने से रोकने नियम में छूट के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है।

प्रदेश की सहकारी समितियों में चुनाव को लेकर सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण की ओर से चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया गया था। सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के बाद जिला और राज्य सहकारी समितियों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के चुनाव होने थे। प्रबंध कमेटी के सदस्यों के चुनाव के लिए छह नवंबर को अनंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद आठ नवंबर को मतदाता सूची पर आपत्तियां ली जानी थी। जबकि 11 नवंबर को आपत्तियों पर सुनवाई के बाद इसी दिन अंतिम मतदाता सूची जारी होनी थी।

मतदाता सूची के बाद इसी दिन नामांकन पत्रों की बिक्री और 13 नवंबर को नामांकन पत्र जमा किए जाने थे, लेकिन केदारनाथ विधान सभा उप चुनाव को देखते हुए बताया गया कि विधानसभा उप चुनाव और सहकारी समितियों के चुनाव की तिथि आस पास होने से कर्मचारियों की कमी की समस्या आएगी। सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष हंसा दत्त पांडे के मुताबिक इस पर निर्णय लिया गया है कि अब प्रदेश की सभी सहकारी समितियों में 16 एवं 17 दिसंबर को चुनाव होंगे।

महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण को देखते हुए लिया नियम में छूट का निर्णय
 प्रदेश की सहकारी समितियों में महिलाओं को पहली बार 33 फीसदी आरक्षण मिलने जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली 2018 के नियम 12 (ख) में यह व्यवस्था है कि जो सदस्य चुनाव से 45 दिन पहले सदस्य बने हैं। जिसने पिछले तीन साल में किसी एक साल समिति से किसी तरह का लेन-देन नहीं किया वे मतदान नहीं कर सकेंगे। इस नियम से कई महिलाएं मताधिकार से वंचित हो रही थी। बताया गया कि जब वे मतदान नहीं कर सकेंगी तो उन्हें 33 फीसदी आरक्षण का लाभ कैसे मिलेगा। जिसे देखते हुए निर्वाचन प्राधिकरण ने नियम 12 (ख) में छूट का शासन को प्रस्ताव भेजा है।

Show More

Related Articles

Back to top button