लोकसभा चुनाव के पहले देशभर में जोर-शोर से शुरू की गई सस्ते आटे और दाल को वैन के माध्यम से जनता तक पहुंचाने की योजना फिलहाल मंद पड़ी है। अब गलियों में भारत ब्रांड की वैन घूमते हुए दिखाई नहीं देती।
इंदौर में इसके दो सप्लायर एजेंसी है, लेकिन उपर से ही अनाज की सप्लाई बंद होने से इंदौर में लोग सस्ते दामों पर आटा, दाल, प्याज नहीं ले पा रहे है। अब नए सिरे से इसके लिए किसानों से उत्पाद खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संभाग के अलग-अलग जिलों में पहुंचकर अफसर किसानों से समर्थन मूल्य पर खेतों के उत्पान को खरीद रहे है। दो महीने बाद फिर भारत आटा ब्रांड की वैन घूमते हुए नजर आएगी।भोपाल के कुछ क्षेत्रों में 25 से 30 रुपये किलो में वैन के जरिए प्याज भी बेचा गया, लेकिन अभी तक यह वैन इंदौर में संचालित नहीं हो पाई है। देश में रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी मिल रही है। यह मुद्दा भी धीरे-धीरे गरमा रहे है। इसके बाद अब सरकार ने फिर उस योजना की सुध ली। जिसे लोकसभा चुनाव से पहले शुरू कर सस्ते दामों पर आटा, दाल, चावल बेचने के लिए वैनों का संचालन किया था।अब फिर फिर से इस योजना के तहत एनसीसीएफ, नेफेड की टीम ने गांवों में जाकर खरीदी शुरू कर दी है। पहले स्टाॅक बढ़ाने पर जोर है। अफसरों का कहना है कि जल्दी ही फिर सड़कों पर सस्ते अनाज बेचने वाली वैन नजर आएगी। इंदौर संभाग में खरीदी शुरू हो चुकी है। जल्दी ही अनाज भंडारों में स्टाॅक बढ़ जाएगा।