हिमाचल प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी भेजने का मुद्दा अब सियासी रुख अख्तियार करना हुआ नजर आ रहा है। भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस और सपा को कटघरे में खड़ा कर विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। कुंदरकी से भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर सपा और कांग्रेस को घेरते हुए टिप्पणी की है।
वहीं, सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस मामले में राहुल गांधी को दखल देने की मांग उठाई है। कुंदरकी निवासी इल्मा अफरोज 2017 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। करीब आठ महीने पहले उनकी तैनाती बद्दी जनपद में एसपी के रूप में हुई थी। सत्ताधारी पार्टी के एक विधायक से टकराव के बाद हिमाचल प्रदेश की सरकार ने उनको लंबी छुट्टी पर भेज दिया है।
वह बुधवार को अपनी मां के साथ अपने पैतृक घर कुंदरकी आईं। इस वक्त कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव चल रहा है। 20 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में भाजपा को सपा और कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है। आईपीएस इल्मा अफरोज प्रकरण मीडिया में छाया तो भाजपा ने भी इसे मुद्दा बनाने में देर नहीं की।
कुंदरकी उपचुनाव में भाजपा से प्रत्याशी रामवीर सिंह सोशल मीडिया पर टिप्पणी की है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार द्वारा कुंदरकी निवासी एसपी इल्मा अफरोज को सत्ताधारी पार्टी के विधायक के वाहनों के चालान काटने पर लंबे छुट्टी पर भेजना चिंताजनक है। यह घटना दर्शाती है कि सपा और कांग्रेस के लोग सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए अल्पसंख्यकों का हितैषी होने का दिखावा करते हैं।
सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने भी इस मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश सरकार को घेरा है। कहा कि सत्ताधारी पार्टी के एक विधायक के दबाव में हिमाचल प्रदेश की सरकार ने आईपीएस इल्मा को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। एक आईपीएस अधिकारी को लंबी छुट्टी लेकर अपने घर जाना पड़े तो इससे ज्यादा शर्म की कोई बात नहीं हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है।
इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दखल देना चाहिए और विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। एआईएमआईएम के महानगर अध्यक्ष वकी रशीद ने भी हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की अलोचना की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने इल्मा अफरोज का उत्पीड़न किया है।
उन्होंने वहां स्क्रैप कारोबारी की गाड़ी पर की गई फायरिंग के मामले में जांच की थी। जिसमें पता चला कि कारोबारी ने लाइसेंस लेने के लिए खुद ही फायरिंग थी। इसके अलावा विधायक के वाहनों के चालान काट दिए थे। कांग्रेस सरकार एक आईपीएस द्वारा की गई सही कार्रवाई को सहन नहीं कर पाई।
सोशल मीडिया पर इल्मा अफरोज के समर्थन में उतरे लोग
सोशल मीडिया पर आईपीएस इल्मा अफरोज के समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, टेलीग्राम पर उनके समर्थन में लोग पोस्ट कर रहे हैं। लोग उन्हें ईमानदार अधिकारी बताने के साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। यूट्यूबर भी उनके समर्थन में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।
एक यूट्यूबर ने उनके संघर्ष की कहानी को बयां किया तो दूसरे ने बताया कि उन्होंने कैसे कड़ी मेहनत की और विदेश तक पहुंचीं। आईपीएस बनने की कहानी भी साझा की। एक यूट्यूबर ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर तीखी टिप्पणी की है। कुंदरकी के लोग भी सोशल मीडिया पर इल्मा अफरोज के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं।
आईपीएस से मिलने पहुंचे लोग
हिमाचल प्रदेश के बद्दी में विवाद के बाद कुंदरकी लौटीं इल्मा अफरोज से मिलने उनके रिश्तेदार, करीबी और परिचित भी पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। आईपीएस इल्मा भी अपनी मां के साथ कुछ रिश्तेदारों से मिलने उनके घर पहुंचीं। इल्मा अफरोज ने बताया कि वह 21 नवंबर तक छुट्टी पर हैं।