पंजाब सरकार के दावों के विपरीत सूबे में नवंबर में अब तक हवा लगातार जहरीली रही है। हालात यह हैं कि नवंबर के 23 दिनों में से 19 दिन पंजाब का औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। यही वजह है कि लगातार स्माॅग बन रहा है, जिससे आंखों में जलन व गले में खराश होने से लोगों को सेहत संबंधी समस्याएं हो रही हैं।
उधर, शनिवार को फिर से पंजाब के चार शहरों का एक्यूआई खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। इनमें सबसे अधिक 250 का एक्यूआई लुधियाना जिले का दर्ज किया गया, जबकि पटियाला का 226, जालंधर का 220, खन्ना का एक्यूआई 209 रहा। अमृतसर का एक्यूआई 179, मंडी गोबिंदगढ़ का 169, रूपनगर का 150 और बठिंडा का 92 दर्ज किया गया। शनिवार को पंजाब में पराली जलाने के 162 नए मामले हुए, जिससे अब कुल गिनती 10605 हो गई है।
नवंबर में अब तक केवल तीन, चार, पांच और 15 नवंबर को पंजाब का औसतन एक्यूआई येलो जोन में दर्ज किया गया। वहीं, बाकी के 19 दिनों में एक्यूआई खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। एक नवंबर को पंजाब का औसतन एक्यूआई 265, दो तारीख को 269, छह नवंबर को एक्यूआई 207, सात को 200, आठ को 215, नौ को 209, 10 को 221, 11 को 206, 12 को 218, 13 को 268, 14 को 221, 16 नवंबर को 250, 17 को 202, 18 को 234, 19 को 223, 20 कोे 226, 21 को 232, 22 को 236 और 23 नवंबर यानी शनिवार को एक्यूआई 209 दर्ज किया गया। साल 2022 में नवंबर महीने का पंजाब का औसतन एक्यूआई 174 और साल 2023 नवंबर में 218 रहा था, लेकिन इस बार लगातार नवंबर में पंजाब की हवा जहरीली रहने से एक्यूआई बीते दो सालों से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
लुधियाना जिले में सबसे अधिक 28 मामले
शनिवार को पंजाब में पराली जलाने के 162 नए मामलों में सबसे अधिक 28 मामले जिला लुधियाना, मानसा में 19, फाजिल्का में 16 मामले, बरनाला में 15 मामले, बठिंडा व फिरोजपुर में 14-14 मामले, मोगा में 13, संगरूर में 11, मुक्तसर में 9 मामले, अमृतसर व जालंधर में तीन-तीन मामले, तरनतारन में दो और फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर व कपूरथला में पराली जलाने का एक-एक मामला सामने आया। पंजाब में इस सीजन में 15 सितंबर से लेकर अब तक पराली जलाने के कुल मामले 10605 हो गए हैं। इसी दिन साल 2022 में पराली जलाने के 140 मामले और साल 2023 में 205 मामले हुए थे।
अब तक 5006 रेड एंट्री
पंजाब में पराली जलाने वालों के खिलाफ अब तक 5006 रेड एंट्री हो गई हैं और 5235 एफआईआर दर्ज की गई है। 5022 केसों में 1 करोड़ 90 लाख 12 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 1 करोड़ 16 लाख रुपये की वसूली कर ली गई है। वहीं, पंजाब के 1346 नोडल व सुपरवाइजरी अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस निकाल कर उनसे पूछा गया है कि उन्होंने सूचना मिलने के बावजूद मौके पर पहुंच कर खेतों में लगी आग बुझाने की कार्रवाई क्यों नहीं कराई। इनमें से 82 अधिकारियों के खिलाफ सेक्टर 14 आफ सीएक्यूएम एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।