मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन बेहद खास होता है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। मार्गशीर्ष, हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना यह सनातन धर्म में बहुत महत्व रखता है। यही वजह है कि इस दौरान पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहार का महत्व बढ़ जाता है। ऐसे में जब मार्गशीर्ष पूर्णिमा आने वाली है, तो इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान और दान करना बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है।
इससे सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है, तो आइए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त जानते हैं, जो इस प्रकार है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
पंचांग को देखते हुए विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। साथ ही ब्रह्म मुहूर्त 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। इन शुभ समय में आप पूर्णिमा का स्नान और दान कर सकते हैं। इससे आपको अक्षय फलों की प्राप्ति होगी।
वहीं, इस दिन चंद्रोदय शाम 5 बजकर 14 मिनट पर होगा। इसके बाद आप चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि Date) 14 दिसंबर को दोपहर 04 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 15 दिसंबर को दोपहर को 02 बजकर 31 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस साल मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा 15 दिसंबर (Kab Hai Margashirsha Purnima 2024) के पावन मौके पर मनाई जाएगी।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर इन मंत्रों का करें जाप
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥