किसान आंदोलन: गृहमंत्री पर क्यों बरसे डल्लेवाल

पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल खनाैरी बाॅर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी सेहत में लगातार गिरावट जारी है।

खनौरी बाॅर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन मंगलवार को 22वें दिन में प्रवेश कर गया। बिगड़ती सेहत के बावजूद डल्लेवाल ने सोमवार को मंच से गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला।

डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी को लेकर संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए। डल्लेवाल ने कहा कि शाह कह रहे हैं कि किसानों को साढ़े तीन गुणा एमएसपी से बढ़कर रेट दिए जा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि साल 2014 से लेकर अब तक मोदी सरकार के राज में गेहूं के रेट में केवल 825 रुपये की वृद्धि की है। यह 56 फीसदी की वृद्धि है। इसके मुकाबले खेती लागत 56.53 फीसदी तक बढ़ गई है।

डल्लेवाल ने कहा कि इससे साफ है कि किसानों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ रहा है। अगर केंद्र की ओर से किसानों को एमएसपी से ज्यादा दिया जा रहा है, तो फिर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। डल्लेवाल ने मंडियों में धान की खरीद न होने का मुद्दा उठाते इस पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं, उनके साथ केंद्र को जबर करने की बजाय मांगों को तुरंत स्वीकार करना चाहिए।

हाल जानने पहुंचे वड़िंग
सोमवार को खनाैरी बाॅर्डर पर डल्लेवाल का हालचाल जानने के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी पहुंचे। उन्होंने इस मौके पर डल्लेवाल की गिरती सेहत को ध्यान में रखते हए केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग की। वडिंग ने कहा कि बार्डरों पर किसानों के साथ जो जबर हो रहा है, उससे मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आता है। वड़िंग ने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। आगे भी इसी तरह से किसानों की मांगों को संसद में उठाया जाएगा।

18 दिसंबर को ट्रेंने रोकेंगे, आज ट्रैक्टर मार्च
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से 18 दिसंबर को दोपहर बारह बजे से तीन बजे तक रेल का चक्का जाम किया जाएगा। कमेटी के पंजाब प्रधान सुखविंदर सिंह सभरा व सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि पिछले दस माह से किसान जत्थेबंदियां दिल्ली के शंभू बाॅर्डर व राजस्थान के रतनपुरा में आंदोलन कर रही हैं। केंद्र सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है। कमेटी ने 18 दिसंबर को रेल का चक्का जाम करने की घोषणा की है और इसकी तैयारियां मुकम्मल हो चुकी है। पंजाब के 18 जिलों में रेल मार्गों पर रोष प्रदर्शन कर ट्रेनें रोकेंगे। वहीं, मंगलवार को किसानों ने पंजाब के विभिन्न जिलों में ट्रैक्टर मार्च का भी एलान किया है।

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