कैसे सुधरेंगे भारत-बांग्लादेश के रिश्ते? मोहम्मद यूनुस को करना होगा ये महत्वपूर्ण काम

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस अब भारत के साथ संबंध ठीक करने की कोशिश में हैं। पिछले दिनों बैंकॉक में पीएम मोदी के साथ उनकी मुलाकात भी हुई थी और अब विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने दोनों देशों के रिश्ते को लेकर बड़ा बयान दिया है।

विशेषज्ञ का क्या मानना है?
रोबिंदर सचदेव ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाना और आर्थिक आदान-प्रदान बढ़ाना ढाका के हित में है।

सचदेव ने कहा, “भारत-बांग्लादेश संबंध फिर से स्थिर होते दिख रहे हैं और बांग्लादेश भी शायद समझदार हो रहा है।” उन्होंने भारत के संतुलित दृष्टिकोण को रिश्ते को स्थिर करने में एक महत्वपूर्ण कारक माना है।

‘हमारी नीतियां पेंडुलम की तरह नहीं झूलती’
उन्होंने कहा, “भारत एक संतुलित देश है। हमारी नीतियां पेंडुलम की तरह नहीं झूलती हैं।” विशेषज्ञ का मानना ​​है कि भारत के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाना और आर्थिक आदान-प्रदान बढ़ाना बांग्लादेश के हित में है।
इस मामले पर दोनों देशों के बीच चर्चा की आवश्यकता पर जोर देते हुए सचदेव ने कहा, “भारत और बांग्लादेश को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा सहित कई मामलों पर चर्चा करनी चाहिए।”

रणधीर जयसवाल का बयान
बता दें, उनकी यह टिप्पणी विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग के जवाब में आई है, जिसमें प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें पड़ोसी देश में लोकतांत्रिक और समावेशी सरकार के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने के लिए तत्पर है। हम एक लोकतांत्रिक, समावेशी बांग्लादेश के पक्ष में हैं।”

पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में नेतृत्व परिवर्तन हुआ था। छात्र समूहों, नागरिक समाज कार्यकर्ताओं और कट्टरपंथी इस्लामवादियों के व्यापक गठबंधन के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया था।

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