कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा? अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

हर महीने की आखिरी तिथि यानी पूर्णिमा को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस शुभ तिथि पर पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा की डेट (Jyeshtha Purnima 2025) और शुभ मुहूर्त के बारे में

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 डेट और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जून अप्रैल को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से होगी और अगले दिन यानी 11 जून को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट तिथि खत्म होगी। ऐसे में 11 जून (Kab Hai Jyeshtha Purnima 2025) को ज्येष्ठ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।

पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
चंद्रोदय- रात 07 बजकर 42 मिनट पर
चंद्रास्त- चंद्रास्त नहीं
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से 03 बजकर 36 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 18 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

ज्येष्ठ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पर विधिपूर्वक व्रत करना चाहिए है। साथ ही श्रद्धा अनुसार, गरीब लोगों या मंदिर में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान भी करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से दुखों का नाश होता है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

मां लक्ष्मी मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।

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