युद्ध हुआ तो भारत के सामने कहां टिकेगा पाकिस्तान, पड़ोसी मुल्क के पास कुल कितने हथियार?

पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान की सेना की ओर से बड़ी रणनीतिक चूक साबित हो सकता है। पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने के लिए भारत बहुस्तरीय रणनीति पर काम कर रहा है। सिंधु जल समझौता निलंबित करके भारत ने साफ संकेत दिया है कि अब पाकिस्तान के खिलाफ उपलब्ध हर विकल्प का इस्तेमाल किया जाएगा। आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरने के लिए कूटनीतिक उपायों के अलावा सैन्य कार्रवाई के लिए सेना को खुली छूट दी गई है।

भारत के आक्रामक तेवरों से घबराया पाकिस्तान अब दुनिया से बचाव की गुहार लगा रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से बदहाल है। बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में उसके लिए आंतरिक विद्रोह को संभालना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में भारत की बड़ी सैन्य कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान कितने दिन टिक पाएगा, इसकी पड़ताल अहम मुद्दा है

सक्रिय सैनिक
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक सैनिकों (Indian Defence Force) की संख्या के मामले में भारत भारी पड़ता है। भारत के पास 14,55,550 सक्रिय सैन्य अफसर और जवान हैं, वहीं पाकिस्तान के पास 6,54,000 सक्रिय सैन्य अफसर और जवान हैं। यानी भारत के पास दोगुने से भी ज़्यादा सैन्य अफसर और जवान हैं। भारत के पास 11,55,000 रिजर्व सैनिक हैं। पाकिस्तान के पास 5,50,000 रिजर्व सैनिक हैं।

अटैक हेलीकाप्टर
हेलीकाप्टर की बात करें तो भारत के पास कुल 899 हेलीकाप्टर हैं। पाकिस्तान के पास कुल 373 हेलीकाप्टर हैं। इनमें भी अगर अटैक हेलीकाप्टर का आंकड़ा देखें तो भारत के पास 80 अटैक हेलीकाप्टर हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 57 अटैक हेलीकाप्टर हैं।

पाकिस्तान आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक तीनों क्षेत्र में अस्थिरता का शिकार है। उसकी सैन्य क्षमता भी सीमित है और अगर भारत के साथ एक पूर्ण युद्ध होता है तो उसके लिए एक हफ्ते से अधिक टिकना संभव नहीं होगा। एक सप्ताह का युद्ध भी उसकी अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी साबित होगा।
डीपीके पिल्लई (रिसर्च फेलो, आइडीएसए)

वायुसेना
भारत और पाकिस्तान की वायुसेना की अक्सर तुलना होती है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक भारत के पास कुल विमानों की संख्या 2,229 है। पाकिस्तान के पास कुल विमानों की संख्या 1,399 है। इनमें भी अगर लड़ाकू विमानों को देखा जाए तो भारत के पास 513 लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तान के पास 328 लड़ाकू विमान हैं।

टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां
भारत के पास 4,201 टैंक हैं। पाकिस्तान के पास 2,627 टैंक हैं। किसी भी युद्ध में बख्तरबंद गाड़ियों की बड़ी भूमिका होती है। बख्तरबंद गाड़ियों पर सामान्य गोलीबारी का असर नहीं होता है। भारत के पास 1,48,594 बख्तरबंद गाड़ियां हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 17,516 बख्तरबंद गाड़ियां हैं।

अर्थव्यवस्था हो या रक्षा बजट, इन मोर्चों पर पाकिस्तान हमारे सामने कहीं नहीं टिकता है। विरोधाभास यह है कि सैन्य क्षमता के लिहाज के भारत के पास पाकिस्तान पर निर्णायक बढ़त नहीं है। चीन, बांग्लादेश की सीमा पर सैन्य खतरे हैं। इससे पाकिस्तान पर हमारी बढ़त कम है।
सुशांत सरीन (सामरिक विशेषज्ञ)

परिवहन विमान
भारत के पास 270 परिवहन विमान और पाकिस्तान के पास 64 परिवहन विमान हैं। 2020 में गलवान संघर्ष के दौरान भारत के परिवहन विमानों ने अपनी ताकत दिखाई थी और बहुत कम समय में सैनिकों और हथियारों को लद्दाख सीमा पर पहुंचा कर चीन को सख्त संदेश दिया था।

भारत के लड़ाकू विमान
लड़ाकू विमानों में भारत के लिए फ्रांस से खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमान सबसे खास हैं। इसके अलावा भारत के लड़ाकू विमानों के बेड़े में मिराज 2000 और जगुआर विमान बड़ी भूमिका निभाने को तैयार हैं। इनके अलावा भारतीय वायुसेना का मल्टीरोल फाइटर जेट सुखोई-30 अपनी फुर्ती और लंबी दूरी तक मार करने की क्षमताओं के लिए जाना जाता है। ये सभी अत्याधुनिक मिसाइलों के साथ दुश्मन पर अचूक हमले कर सकते हैं। इनके अलावा मिग-29 और तेजस लड़ाकू विमानों से भारत की हवाई ताक़त को और धार मिल जाती है।

पाकिस्तान के लड़ाकू विमान
अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है जे-10 सी पाकिस्तान की वायुसेना के बेड़े में भी कुछ अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हैं, जैसे जे – 10सी जो 4.5 जनरेशन का मल्टीरोल फाइटर जेट है। पाकिस्तान ने इसे दो वर्ष पहले ही चीन से खरीदा है। ये लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस हो सकता है। इसके अलावा चीन से ही खरीदा गया जेएफ-17 भी मल्टीरोल फाइटर है जो पाकिस्तान वायुसेना की रणनीति में अहम भूमिका निभा सकता है।

पाकिस्तान के पास अमेरिका से खरीदे गए एफ-16 लड़ाकू विमानों का भी पुराना बेड़ा है। चीन के लड़ाकू विमानों ने युद्ध में अपनी क्षमता साबित नहीं की है। ऐसे में पाकिस्तान की वायुसेना काफी हद तक एफ-16 लड़ाकू विमानों पर निर्भर है।

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