धरती आबा अभियान; जनजातीय विकास की नई रोशनी

जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में 15 जून से 30 जून तक ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष (DAJGUA) अभियान’ चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को शासकीय योजनाओं और

80 जनजातीय ग्रामों में लगेगा शिविर
इस अभियान के तहत जिले के 80 जनजातीय बाहुल्य ग्रामों को शामिल किया गया है, जहां 15,736 परिवारों को विभिन्न योजनाओं से लाभांवित किया जाएगा। यह शिविर सीहोर, आष्टा, बुधनी, इछावर और भैरूंदा विकासखंड के चयनित गांवों में लगाए जाएंगे।

गांव-स्तरीय क्लस्टर कैंप में मिलेगा योजनाओं का लाभ
यह अभियान पारंपरिक प्रचार माध्यमों से हटकर गांव-स्तरीय क्लस्टर कैंपों के जरिए जनजातीय समुदाय के पात्र लोगों तक सीधे लाभ पहुंचाने पर केंद्रित होगा। कैंपों में लोगों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति व निवास प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, जनधन खाता, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, आजीविका योजनाएं और महिला-बाल कल्याण योजनाओं का लाभ मिलेगा।

चयनित गांवों की लंबी सूची
अभियान में जिन प्रमुख गांवों को शामिल किया गया है उनमें रतनखेड़ी, अमामय, सालीखेड़ा, श्यामपुरा मगरदा, बोरपानी, रामगड़, सिंहपुर, नलगांव, मरियादोह, गिल्लौर, खजूरी, कोसमी, देवगांव, झोलीपुर, नरेला, खानपुरा, मथर जैसे कई गांव शामिल हैं। इन गांवों में शिविर लगाकर योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और पात्रता अनुसार लाभ भी दिलाया जाएगा।

अभियान से जुड़े होंगे कई विभाग
यह अभियान एक समन्वित प्रयास होगा जिसमें प्रशासन, जनजातीय कार्य विभाग, स्वास्थ्य, महिला-बाल विकास, कृषि, सामाजिक न्याय और अन्य विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। ‘धरती आबा’ अभियान का मूल उद्देश्य है अंतिम छोर तक बसे जनजातीय परिवारों को योजनाओं की जानकारी और लाभ दोनों देना, जिससे उनका सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण हो सके।

Show More

Related Articles

Back to top button