
वाराणसी: रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ”युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन” का शुभारंभ हुआ। इस दौरान विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा विषय पर देश भर से 122 आध्यात्मिक, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के 600 से अधिक युवा शामिल हुए।
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि जितनी खराब नशे की लत है, उतनी ही मोबाइल पर रील देखने की है। दोनों से दूर रहना है। 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए युवाओं को नशीले पदार्थों, मोबाइल फोन और रील से दूर रखना होगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने शनिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा विषय पर युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया। इसमें देश भर के 122 आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के 600 से अधिक युवा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को परिवर्तनकर्ता के रूप में देखा जाना चाहिए। मादक द्रव्यों का सेवन युवाओं के सामने सबसे बड़े खतरों में से एक है। यह राष्ट्रीय प्रगति के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसके लिए जागरूकता जरूरी है। एक शिविर या सीमित प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। इसे जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। प्रत्येक नागरिक कम से कम पांच अन्य लोगों को नशा विरोधी अभियान में शामिल करे, तभी अभियान को गति मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2022 को लाल किले से भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत काल के पंच प्राण के माध्यम से अगले 25 वर्षों के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया था। इस बात पर जोर दिया था कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है।
20 जुलाई को काशी घोषणा के विमोचन के साथ सम्मेलन का समापन
केंद्रीय मंत्री ने कहा, दो दिवसीय शिखर सम्मेलन मूल्यवान चर्चाओं और सार्थक परिणामों की ओर ले जाएगा। शिखर सम्मेलन 20 जुलाई को काशी घोषणा के विमोचन के साथ समाप्त होगा जो युवाओं और आध्यात्मिक नेताओं के सामूहिक दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला एक दस्तावेज है। यह दस्तावेज नशा मुक्त भारत के निर्माण के लिए एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करेगा और नीति निर्माताओं, नागरिक समाज संगठनों, नशा मुक्ति और पुनर्वास के क्षेत्र में काम करने वाले युवा नेटवर्क के लिए एक मार्गदर्शक चार्टर के रूप में कार्य करेगा।
नशा व्यक्तिगत चीज नहीं, सामूहिक चेतना के विनाश का कारक : गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस लक्ष्य कि प्राप्ति में युवाओं की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। विकसित भारत की राह में नशा को बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्तिगत चीज नहीं है बल्कि सामूहिक चेतना के विनाश का कारक है। इस महामारी के निवारण में युवा शक्ति को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है। भारत सामूहिक संकल्प के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है।