छत्तीसगढ़: ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से बदल रहा बस्तर, डेढ़ साल में विकास ने कैसे पकड़ी रफ्तार?

कभी नक्सलवाद के लिए मशहूर छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला अब बदलाव की नई गाथा लिख रहा है। बस्तर में विकास की बयार बह रही है। यहां के कई गांव अब बिजली से रोशन रहने लगे हैं। कभी गोलियों की आवाज से गूंजने वाले बस्तर में अब स्कूल की घंटियां सुनाई देती हैं।

बस्तर में मोबाइल टावर भी लग गए हैं, जिससे मोबाइल नेटवर्क सिस्टम भी मजबूत हुआ है। यह सबकुछ छत्तीसगढ़ सरकार की योजना ‘नियद नेल्ला नार’ के कारण मुमकिन हो सका है। ‘नियद नेल्ला नार’ का अर्थ होता है – आपका अच्छा गांव।

गृह मंत्री अमित शाह करेंगे दौरा
इस योजना के तहत बस्तर के 327 से ज्यादा गांवों का विकास किया गया। 30 जुलाई को गृह मंत्री अमित शाह भी बस्तर का दौरा करेंगे। इस दौरान नक्सलवाद को उखाड़ फेंकने के साथ-साथ ‘नियद नेल्ला नार’ योजना पर भी रणनीति बनाई जा सकती है।

बस्तर के 3 बड़े बदलाव
महिलाएं बच्चों को लेकर आंगनबाड़ी केंद्र जाती हैं।
कई गांवों में बैंक खुल गए हैं, जिससे आदिवासी समाज को बैंकिंग सुविधा का भी लाभ मिल रहा है।
मोबाइल टावर लगने से आदिवासी समुदाय के लोग डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं।

नियद नेल्ला नार’ योजना
छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 फरवरी 2024 को यह योजना शुरू की थी। राज्य के 17 विभागों की 52 योजनाओं को इसमें शामिल किया गया था। इसके तहत बस्तर के गांवों तक 31 सामुदायिक सुविधाएं पहुंचाई गईं। बस्तर के अलावा नक्सलवाद का गढ़ कहे जाने वाले सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और कांकेर में 54 नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं।

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