डाक विभाग और एमएसएसआईडीसी में रणनीतिक साझेदारी

डाक विभाग और एमएसएसआईडीसी ने महाराष्ट्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए समर्थन को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक सहयोग किया है। यह साझेदारी केंद्र सरकार की रेजिंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (आरएमपी) प्रोग्राम के तहत की गई है।

एमएसएमई को मजबूत देने के लिए डाक विभाग और महाराष्ट्र लघु उद्योग विकास निगम लिमिटेड (एमएसएसआईडीसी) ने एक रणनीतिक समझौता किया है। इस सहयोग का उद्देश्य राज्य के एमएसएमई उद्यमों को व्यापक बाजार तक पहुंच, तेज लॉजिस्टिक समाधान और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक दृश्यता उपलब्ध कराना है।

यह पहल केंद्र सरकार की रेजिंग एंड एक्सीलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (आरएमपी) प्रोग्राम के तहत की गई है। इसके जरिए राज्य के एमएसएमई क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए संस्थागत सहयोग को मजबूत किया जाएगा। महाराष्ट्र सर्किल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अमिताभ सिंह की उपस्थिति में भारतीय डाक के एपीएमजी बीडी डॉ. सुधीर जी झाकेरे और एमएसएसआईडीसी की संयुक्त प्रबंध निदेशक प्रशाली जाधव दिघावकर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

भारतीय डाक विभाग- एक समृद्ध विरासत
डाक विभाग 170 वर्षों से अधिक की अपनी समृद्ध विरासत के साथ भारत के संचार और वित्तीय समावेशन ढांचे की आधारशिला रहा है। 1,65,000 से अधिक डाकघरों के विश्व के सबसे बड़े नेटवर्क के साथ, डाक विभाग ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है।z

यह डाक और पार्सल डिलीवरी, लघु बचत योजनाओं जैसी वित्तीय सेवाएं, डाक जीवन बीमा (पीएलआई) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) सहित सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करता है। साथ ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाओं के लिए भारत सरकार के एजेंट के रूप में भी कार्य करता है।


एमएसएसआईडीसी लघु उद्योगों को बढ़ावा देता रहा है
19 अक्टूबर 1962 को स्थापित एमएसएसआईडीसी महाराष्ट्र में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने और पोषित करने में अग्रणी रहा है। राज्य भर में लगभग 30,000 लघु उद्योगों को सहायता प्रदान करने के साथ, एमएसएसआईडीसी लघु उद्योगों को सहायता, वित्तपोषण, संरक्षण और प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Show More

Related Articles

Back to top button