तिरुवनंतपुरम। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थक भारतीय विचार केंद्रम ने केरल की वामपंथी सरकार से 1924 में क्रांतिकारी मलयालम कवि एन. कुमारन असन की नाव दुर्घटना में हुई रहस्यमयी मौत से पर्दा उठाने की मांग करते हुये जांच आयोग की रिपोर्ट को पूर्ण रूप में जारी करने का आग्रह किया है।
मालाबार में 1921 विद्रोह के बाद अपनी कविता दुरावस्थ (खराब स्थिति) के माध्यम से हिंदुओं पर इस्लामी नरसंहार को उजागर करने वाले कवि की मौत हो गयी थी। विचार केंद्रम ने महान समाज सुधारक और दार्शनिक के लिए न्याय की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सरकार से 2023 में कुमारन आसन की 150वीं जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर पूरी जांच रिपोर्ट जारी करने का आग्रह किया गया।
कवि सहित चौबीस लोगों की 16 जनवरी, 1924 को डूबने से मौत हो गई, जब ये लोग नाव से वे यात्रा कर रहे थे और उनकी नाव अलाप्पुझा में पल्लाना नदी में पलट गई। उनका शव दो दिनों के बाद बरामद किया गया था। जिस स्थान पर उनके अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया था, उसे अलाप्पुझा में पल्लाना के पास कुमारकोडी के नाम से जाना जाता है।
विचार केंद्रम ने इस मुद्दे को तब उठाया जब कई सामाजिक संगठनों और इतिहासकारों ने कवि की मौत में उस समय के कट्टरपंथी इस्लामवादियों के कथित हाथ पर संदेह व्यक्त किया, जो आधुनिक मलयालम के विजयी कवियों में से एक थे और आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के शिष्य थे।