कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई भयावह घटना को लेकर आज भी देशभर में गुस्सा है। न्याय और कार्यस्थल की सुरक्षा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर सड़कों पर हैं। इन सबके बीच, करीब दो महीने की जांच के बाद सीबीआई ने पहला आरोप पत्र अदालत में पेश की। इस आरोप पत्र में गिरफ्तार कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय के खिलाफ डीएनए और रक्त के नमूनों की रिपोर्ट जैसे 11 सबूत पेश किए हैं।
दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर रेप व मर्डर केस में सीबीआई ने भी आखिरकार कोलकाता पुलिस की थ्योरी पर मुहर लगा दी। अदालत में दाखिल किए गए आरोप पत्र में सीबीआई ने गैंगरेप को खारिज कर दिया है। केंद्रीय एजेंसी ने साफ कहा कि आरोपी संजय राय एकमात्र आरोपी है।
यह है मामला
नौ अगस्त की वो भयावह सुबह कोई नहीं भूल सकता, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की लाश मिली थी। जब मामला विवादों में आया, तो पता चला कि डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ था। यह मामला कोलकाता हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और फिर सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई। घटना के लगभग दो महीने बाद महिला डॉक्टर को इंसाफ मिलने की उम्मीद नजर आ रही है। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कलकत्ता पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।
सीसीटीवी फुटेज, शरीर पर खून और…
दरअसल, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोप पत्र में सीबीआई ने रॉय के खिलाफ सबूत के तौर पर पीड़िता के शरीर पर पाए गए उसके डीएनए, छोटे बाल, पीड़ित के खून के धब्बे, यहां तक कि उसके शरीर पर पाई गईं चोटें, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के अनुसार उसके मोबाइल फोन की लोकेशन के बारे में बताया है।
यह भी खुलासा हुआ
आरोप पत्र में यह भी जानकारी दी गई है कि घटना के दौरान पीड़िता ने जब खुद को बचाने की कोशिश की थी तो उस दौरान रॉय को चोटें आई लगी थीं। इतना ही नहीं, सीबीआई ने यह भी कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज की मदद से यह साबित होता है कि आरजी कार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आपातकालीन इमारत की तीसरी मंजिल पर घटना के दौरान रॉय मौजूद था। सीडीआर के अनुसार उनके मोबाइल फोन की लोकेशन से उनकी मौजूदगी साबित होती है।’
सीबीआई के आरोप पत्र में यह भी दावा
केंद्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को यहां एक स्थानीय अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में मृतक महिला को ‘वी’ से बुलाया। उसने कहा, ‘पोस्टमार्टम के दौरान पता चला मृतका वी के शरीर पर उसका (रॉय) डीएनए मौजूद था। उसकी जींस और जूतों पर ‘वी’ के खून के धब्बे पाए गए थे। स्थानीय पुलिस ने आरोपी के बयान के बाद 12 अगस्त को यह सामान बरामद किया था। घटनास्थल से मिले छोटे बाल आरोपी संजय रॉय से मेल खाते हैं।’
ब्लूटूथ से हुआ खुलासा
आरोप पत्र में आगे कहा, ‘सीएफएसएल (सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी संजय रॉय के जब्त मोबाइल फोन के साथ अपराध स्थल से मिले एक ब्लूटूथ ईयरफोन मिला था। रॉय को सीसीटीवी फुटेज में आठ और नौ अगस्त की दरम्यानी रात को सेमिनार हॉल की ओर जाते हुए देखा गया था। उस समय उसने एक ब्लूटूथ गले में पहना हुआ था, लेकिन वापस समय वह गायब था। बाद में घटना स्थल पर पुलिस को ब्लूट्रूथ मिला था।’
शरीर से मिला लार
केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि मौत दम घुटने और गला घोंटने की वजह से हुई थी। पोस्टमार्टम के समय पूरा शरीर अकड़ा हुआ था, जिसका अर्थ है कि पीड़िता की मौत पोस्टमार्टम से 12 से 18 घंटे पहले हुई थी। इतना ही नहीं हाइमन से संबंधित चोटें ताजा थीं, जो इस बात का सबूत थीं कि पीड़िता के साथ जबरदस्ती की गई थी। यहां तक कि उसके शरीर से मिली लार की रिपोर्ट से भी यह बात साफ हुई कि यह संजय रॉय की थी।
रॉय पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।