
सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा मामलों का उल्लेख करने पर रोक लगा दी है ताकि कनिष्ठ अधिवक्ताओं को अवसर मिल सके। 14 मई को शपथ लेने वाले प्रधान न्यायाधीश गवई ने वकीलों द्वारा तत्काल सूचीबद्ध और सुनवाई के लिए मामलों का मौखिक उल्लेख करने की प्रथा को फिर से शुरू कर दिया था।
तत्काल सूचीबद्ध एवं सुनवाई के लिए नहीं होगा उल्लेख
वरिष्ठ अधिवक्ताओं को ऐसा करने की अनुमति नहीं
कनिष्ठ अधिवक्ताओं को अब से मिलेगा मौका
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई की अदालत में सोमवार से किसी भी वरिष्ठ अधिवक्ता को तत्काल सूचीबद्ध एवं सुनवाई के लिए मामलों का उल्लेख करने की अनुमति नहीं होगी। शीर्ष अदालत ने इस संबंध में एक नोटिस जारी कर दिया है।
प्रधान न्यायाधीश ने छह अगस्त को कहा था कि 11 अगस्त से किसी भी वरिष्ठ अधिवक्ता को उनकी अदालत में तत्काल सूचीबद्ध एवं सुनवाई के लिए मामलों का उल्लेख करने की अनुमति नहीं होगी ताकि कनिष्ठ अधिवक्ताओं को ऐसा करने का अवसर मिल सके।