लखनऊ। बहुचर्चित ‘गेस्ट हाउस कांड’ को लेकर एक बार फिर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच बयानबाजी शुरू हो गयी है। इसको लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोला है। मायावती ने 1995 का गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते हुए कहा कि सपा हमेशा से ही डाक्टर भीमराव आंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के प्रति विद्वेषपूर्ण भावना रखती थी।
दरअसल, रविवार को बसपा प्रदेश कार्यालय, लखनऊ में मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सपा के राजनीतिक द्वेष एवं जातिवादी विद्वेष का लंबा इतिहास सभी जानते हैं। इस कारण 1995 में गेस्ट हाउस कांड हुआ और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा। उन्होंने कहा कि सपा अगर कांशीराम के सोच के हिसाब से यूपी में गठबंधन सरकार चलाती रहती तो यह गठबंधन देश पर राज कर रहा होता। सपा की दलित व अति पिछड़ा विरोधी संकीर्ण राजनीति का फायदा भाजपा को मिल रहा है। लेकिन सपा, भाजपा से लड़ने के बजाए बसपा को ही कमजोर करने में लगी हुई है।
निकाय चुनाव को लेकर की बैठक
जिला अध्यक्षों की विशेष बैठक में मायावती ने कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव की तैयारियों में तन, मन व धन से जुटने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने बता दें कि राज्य के ताजा हालात व राजनीतिक घटनाक्रम से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की।