हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। गर्मी हो या सर्दी, पूरे साल ये जगह पर्यटकों से भरी रहती है और दिल्ली के आसपास रहने वालों का तो ये फेवरेट ठिकाना है। दो दिन की छुट्टी हो या लॉन्ग वीकेंड हिमाचल प्रदेश परफेक्ट डेस्टिनेशन है एन्जॉयमेंट के लिए।
हिमाचल प्रदेश आने वाली ज्यादातर जनता मनाली, कसौल जैसी जगहें छुट्टियां बिताने के लिए चुनती हैं, जिस वजह से यहां बहुत भीड़ भी हो जाती है। कई बार रहने के लिए होटल्स भी नहीं मिलते। अगर आप अपनी छुट्टियों को वाकई एन्जॉय करना चाहते हैं, तो ऐसी जगह का प्लान करें, जहां ऐसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े। हिमाचल प्रदेश का चंबा इस लिहाज से एकदम बेस्ट ऑप्शन है।
चंबा
चंबा, हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा शहर है। यह दिल्ली से करीब 578.4 किमी दूर है। समुद्र तल से 1,006 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंबा रावी नदी के तट पर साल नदी के संगम पर बसा हुआ है। जो इस शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करता है।
चंबा में घूमने वाली जगहें
खज्जियार झील
खज्जियार झील वैसे तो छोटी सी है, लेकिन आसपास फैली हरियाली इस झील की खूबसूरती को दोगुना कर देती है। झील के पास ही खज्जी नाग मंदिर स्थित है। इसी के चलते इसका नाम खज्जियार झील पड़ा। खज्जियार को भारत का ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है।
सच पास
अगर आप एडवेंचर पसंद हैं, तो आपको सच पास जाने का मौका बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए। सच पास के पहाड़ों पर बाइकिंग करना फुल टू एडवेंचर है। इस एडवेंचर को फील करने के लिए आप रेंट पर बाइक ले सकते हैं। पहाड़ों पर बाइकिंग का अलग ही मजा है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर
चंबा में लक्ष्मी नारायण मंदिर दर्शन जरूर करें। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर में भगवान शिव और भगवान विष्णु का दर्शन कर सकते हैं। माना जाता है कि इस मंदिर को बनाने में विंध्याचल पहाड़ों से लाए गए संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है।
चंबा घूमने का बेस्ट सीजन
चंबा घूमने के लिए मार्च से जून तक का महीना सबसे अच्छा समय होता है। सर्दियों में यहां बहुत ठंड पड़ती है। कई बार स्नोफॉल भी देखने को मिल जाता है।
चंबा कैसे पहुंचे?
चंबा जाने के लिए नई दिल्ली के कश्मीरी गेट से बसें चलती हैं, जिससे 11 से 12 घंटे का समय लगता है।
पठानकोट, चंबा का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से गाड़ियां मिलती हैं जिससे आप चंबा पहुंच सकते हैं।