आज कानपुर से नौकायन अभियान शुरू करेंगे एनसीसी कैडेट

देशभर से एनसीसी के 500 से अधिक कैडेट अपनी तरह के पहले विशेष नौकायन अभियान पर सोमवार को रवाना होंगे। इस दौरान कैडेट तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल में गंगा और हुगली नदियों में नौकायन करते हुए लगभग 1,200 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।

राष्ट्रीय कैडेट कोर की नौसेना शाखा के 528 कैडेट शामिल होंगे

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ‘भारतीय नदियां-संस्कृतियों की जननी’ थीम वाले इस अभियान को कानपुर से हरी झंडी दिखाई जाएगी। इसमें राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की नौसेना शाखा के 528 कैडेट शामिल होंगे।

कैडेटों के साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे

एनसीसी का यह पहला विशेष नौकायन अभियान 20 दिसंबर को बंगाल के कोलकाता में समाप्त होगा।अभियान के छह चरणों में कानपुर से प्रयागराज (260 किमी), प्रयागराज से वाराणसी (205 किमी), वाराणसी से बक्सर (150 किमी), बक्सर से पटना (150 किमी), पटना से फरक्का (230 किमी) और फरक्का कोलकाता (205 किमी) शामिल हैं। कैडेटों के साथ लगभग 40 एसोसिएट एनसीसी अधिकारी भी होंगे।

पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे

यात्रा के दौरान कैडेट स्थानीय एनसीसी समूहों के साथ मिलकर नदी तटों की सफाई और प्लास्टिक कचरे को हटाकर ‘स्वच्छ भारत’ पहल में योगदान देंगे। वे ‘नुक्कड़ नाटक’ के जरिये भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देंगे और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को रोमांच और सैनिकों के रूप में देशसेवा के लिए प्रेरित करते हुए भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का जश्न मनाना है।

वीरनारी रवाना करेंगी कैडेट्स को

एनसीसी के सूबेदार मेजर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि अटल घाट से कैडेट्स को वीर नारी बिमला देवी और सीमा सिंह हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी। बिमला देवी के पति हवलदार शिव नारायण सिंह, कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), ने वर्ष 1994 में बांदीपुर (जम्मू-कश्मीर) में आतंकियों से लड़ते हुए बलिदान दिया था। वहीं, सीमा सिंह के पति स्वर्गीय लांस नायक ज्योति प्रकाश सिंह, शौर्य चक्र ( समारोह के दौरान मरणोपरांत) थे। इस कार्यक्रम के जरिए अपनी संस्कृति का वाहक बनने को लेकर कैडेट्स उत्साहित हैं।

अभियान के प्रमुख चरण इस प्रकार हैं:

– चरण पहला: कानपुर से प्रयागराज (260 किमी)

– चरण दूसरा: प्रयागराज से वाराणसी (205 किमी)

– चरण तीसरा: वाराणसी से बक्सर (150 किमी)

– चरण चौथा: बक्सर से पटना (150 किमी)

– चरण पांचवां: पटना से फरक्का (230 किमी)

– चरण छठवां: फरक्का से कोलकाता (205 किमी)

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