आलू और प्याज जैसी सब्जियों का दाम बढ़ने से मार्च में थोक महंगाई सालाना आधार पर बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई। यह फरवरी में 0.20 प्रतिशत थी।
आलू-प्याज का भाव क्यों बढ़ा?
प्याज के थोक भाव में फरवरी के दौरान 29.22 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। वहीं, मार्च में इसमें 56.99 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बाजार का मानना है कि खरीफ फसल की कटाई तक प्याज की काफी तंग रहने की आशंका है।
वहीं, आलू की बात करें, तो फरवरी में इसका 15.34 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि मार्च में आलू का होलसेल प्राइस इंडेक्स 52.96 प्रतिशत बढ़ गया।
आंकड़े बताते हैं कि एक पहले मार्च में प्याज के थोक भाव में 36.83 प्रतिशत और आलू की थोक कीमतों में 25.59 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
WPI सूचकांक में कितना बदलाव
मार्च 2024 के लिए WPI इंडेक्स में मासिक परिवर्तन फरवरी 2024 की तुलना में 0.40 प्रतिशत रहा। खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 4.65 प्रतिशत रही, जबकि फरवरी में यह 4.09 प्रतिशत थी।
पिछले महीने खाद्य वस्तुओं, बिजली, पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के साथ कई अन्य चीजों के दाम में इजाफा हुआ, जिसके चलते मुद्रास्फीति बढ़ी।
पिछले हफ्ते रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़े जारी हुए थे, जिससे पता चला कि मार्च में यह सालाना आधार पर घटकर 4.85 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने में 5.09 प्रतिशत थी।