शहर के एक स्टील व्यापारी को सीबीआई का डर बता कर डिजिटल अरेस्ट किया और धमका कर 2 करोड़ रुपए की ठगी कर दी। धोखेबाजों ने ठगी की रकम को 40 बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। व्यापारी ने जब माधवनगर थाने में शिकायत की तो पुलिस भी दंग रह गई। एसपी प्रदीप शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए 5 टीम बनाई और आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए। पुलिस ने यूपी और बिहार से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 10 मोबाइल जब्त किए हैं।
शहर के स्टील व्यापारी राजकमल परिवर्तित नाम के पास 12 अप्रैल को मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आया। जिसमें उन्हें बताया गया कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के द्वारा किए गए फ्रॉड का रुपया उनके बैंक खाते में आया है। स्वय को सीबीआई अधिकारी बताकर आरोपियों ने राजकमल के मोबाइल पर सीबीआई, महाराष्ट्र पुलिस के लेटर हेड भी भेजे। करोड़ों रुपए के घोटाले को सुनकर स्टील व्यापारी घबरा गया। जिसका फायदा ठगों ने उठाया और आरटीजीएस के माध्यम से तीन बार में पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालंदा में 2 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन करवा लिया। ठगों ने उन्हें बताया कि अगर वह निर्दोष हैं तो उनके 2 करोड़ रुपये वापस मिल जाएंगे। उक्त घटना के 4 दिन बाद स्टील व्यापारी को आभास हो गया की उनके साथ ठगी हुई है तो उन्होंने तत्काल माधवनगर थाना पहुंचकर पुलिस को शिकायत की। सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आते ही एसपी प्रदीप शर्मा ने सीएसपी दीपिका शिंदे के नेतृत्व में सायबर सेल और क्राईम ब्रांच के साथ मिलकर 5 टीमें बनाई गईं। सभी ने तकनीकी साक्ष्य जुटाए और व्हाट्सएप कॉलिंग के साथ जिस बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए उनकी जानकारी जुटाई। इसके बाद पुलिस की टीम यूपी और बिहार पहुंची, जहां पर बैंक शाखा में जाकर जिस खाते में रुपए गए थे। उसकी जानकारी निकाली तो पुलिस अधिकारी भी दंग रहे गए। उक्त 2 करोड़ रुपए 40 खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे।
इन आरोपियों को पकड़ा
पुलिस ने मुकेश पिता रामचंद्र सॉ 35 साल निवासी ग्राम भैंसासुर नालंदा बिहार, अमरेन्द्र कुमार पिता ब्रजनंदन प्रसाद 23 साल निवासी ग्राम बारापुर नालंदा बिहार, अनिल पिता भेरुसिंह यादव 31 साल निवासी नवादा मैनपुरी यूपी, शरद पांडे पिता अमोद पांडे 30 साल निवासी ग्राम कुशमरा मैनपुरी और शाहनवाज पिता मुन्ना आलम 18 साल निवासी ग्राम किंजर अरबल बिहार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपयों के कब्जे से 10 मोबाइल भी जब्त किए हैं।
जेल में हुई मुलाकात और शुरू की ठगी
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी अमरेन्द्र बिहार की जेल में बंद था। जहां पर उसकी मुलाकात अनिल कुमार से हुई थी। यहीं पर दोनों ने ऑनलाइन ठगी की योजना बनाई और फेसबुक के माध्यम से कई ऐसे लोगों से जुडे जो कम कीमत पर बैंक खातें किराए पर देते थे। अमरेंद्र ने कई लोगों के बैंक खाते किराए पर लिए और ठगी करने लगा। शुरूआती जांच में ही पुलिस को अब तक 4 करोड़ रुपए के लेनदेन की जानकारी मिली है। शहर के स्टील व्यापारी के साथ धोखाधड़ी में भी अमरेन्द्र का ही हाथ है। उसने ही मुकेश के बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर किए थे। उसके बाद यह रुपया 40 लोगों के बैंक खाते में गया।
मोबाइल एप के माध्यम से ट्रांसफर किए रुपए
आरोपियों ने एएमएमएफ ऑरवर्ड मोबाइल एप के माध्यम से ठगी के 2 करोड़ रुपए कई लोगों को ट्रांसफर किए। इसके बाद आरोपियों ने बीनानस एप के माध्यम से उक्त ठगी के रुपयों को डॉलर में कन्वर्ट कर अपने बैंक खाते में जमा करवा लिए। पुलिस का कहना है कि इस बड़े गिरोह के पीछे ओर भी लोग हो सकते हैं। पुलिस ने सभी बैंक खातों को होल्ड करवा दिया हैं। जल्द ही स्टील व्यापारी के रुपए को रिकर्वर करने का प्रयास किया जाएगा।