काशीपुर में एक सौतेली मां ने अपनी आठ वर्षीय बेटी की बर्बरता पूर्वक हत्या कर उसका शव घर के सामने एक खाली मकान में गड्ढा खोदकर दबा दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जबकि आरोपी महिला को हिरासत में ले लिया। वहीं इससे पहले पिता ने आईटीआई थाना में बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी जिसे हत्या की धाराओं में तरमीम कर दिया है।
शुक्रवार को दोपहर बाद डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम कर बताया कि मासूम सोनी के शरीर पर चोंट और गले में रस्सी के निशान हैं। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पहले उसे बेरहमी से पीटा और फिर गला घोटा होगा। वहीं मासूम के नाजुक अंग की स्लाइड भी जांच के लिए भेजी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि कहीं उसके साथ कोई अनुचित व्यवहार न हुआ हो।
हत्या की कहानी मासूम की जुबानी
घर में मौजूद तीन वर्षीय लक्ष्मी की बेटी देविका से जब समाजसेवी सरोज ठाकुर ने पूछा कि सोनी को कैसे मारा, तब देविका ने सहमी आवाज में बताया कि उसकी बहन सोनी चिल्ला रही थी, मम्मी और दो लोग मार रहे थे। मेरी मम्मी ने उसे मार दिया। देविका ने वह कमरा भी दिखाया जिसमें पहले सोनी को मारा-पीटा गया था। मासूम ने बताया मम्मी उसे भी खूब मारती हैं। वहीं इस हादसे से घर के बच्चों के साथ जो बच्चियां कन्या पूजन में सोनी के साथ थीं वह भी डरी-सहमी हैं। वहीं सोनी की सगी छोटी बहन तनु अपनी बुआ का पास रहती है।
वहीं, सोनी के पिता मोनू कुमार ने बताया कि पहली पत्नी की मौत के बाद यह सोचकर उसने दूसरी शादी की थी कि उसकी बिन मां की दोनों बच्चियों को ममता का आंचल मिल जाएगा। लेकिन उसे क्या पता था कि जिसे वह बेटियों की परवरिश की जिम्मेदारी सौंप रही है, वह ही उसकी लाडली को मौत की नींद सुला देगी।
कहीं दादी और पिता की चहेती होने पर तो नहीं हुई हत्या?
मृतक सोनी के पिता मोनू कुमार ने बताया कि सोनी परिवार की बड़ी बेटी थी। वह उनकी और दादी की चहेती थी जिसके चलते उसकी दूसरी पत्नी लक्ष्मी द्वेष भावना रखती थी। अक्सर पहली पत्नी रीना की दोनों बेटी सोनी और तनु को लेकर झगड़ा होता रहता था। मोनू ने बताया कि वह कहती थी तुम लोग मेरे बेटे और बेटी से कम प्यार करते हो। शायद इसी चलते उसने उसकी लाडली बेटी की निर्ममता से हत्या कर दी।