उत्तराखंड: पहाड़ से मैदान तक छाए बादल, शीतलहर ने किया परेशान

उत्तराखंड में आज भी मौसम खराब बना हुआ है। पहाड़ से मैदान तक आसमान में बादल छाए हैं। शनिवार को बदरीनाथ धाम की चोटियों के साथ ही हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ सहित नीती और माणा घाटी में बर्फबारी हुई, जिससे ठंड में इजाफा हो गया है। वहीं, आज उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।

22 जनवरी से फिर बदलेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम के बदले पैटर्न के चलते विंटर बारिश में यह असर देखने को मिल रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 21 जनवरी तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहेगा। इसके बाद 22 जनवरी को पर्वतीय इलाकों में मौसम बदलने के आसार हैं।

लैंसडौन में बर्फ से ढकी चोटियां बनीं कौतूहल
पर्यटन नगरी लैंसडौन में टिप इन टॉप और राठी व्यू प्वाइंट से टेलीस्कोप और दूरबीन की मदद से नजर आ रहीं हिम चोटियां पर्यटकों के लिए कौतूहल बनी हैं। हिमालय की इन चोटियों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक लैंसडौन पहुंच रहे हैं।

दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम से पहुंचे पर्यटकों ने बर्फ से ढकी 30 से अधिक हिमालय की चोटियां न केवल कौतूहलवश देखी, बल्कि उनके संबंध में जानकारी भी ली। गढ़वाल हिमालयन रेंज के अंतर्गत हिमालय की चोटियों दूना गिरि (7066 मीटर), चौखंबा (7138), केदारनाथ मेन (6940), शिवलिंग (6543), नीलकंठ (6596), त्रिशूल (7120), मेरु (6660), कमेट (7756), स्वर्गारोहिणी (6252), नंदा कोट (6861 मीटर) को सामान्य आंखों से भी आसानी से देखा और टेलीस्कोप व दूरबीन की मदद से इन चोटियों का पास से दीदार किया।

पर्यटकों को लैंसडौन के टूरिस्ट गाइड ऋषभ माहरा ने प्रसिद्ध हिमालय चोटियों से संबंधित मैथोलॉजिकल कहानियों और हिमालय के ग्लेशियर से निकलने वाली नादियों की जानकारी दी। इसके साथ ही भैरव गढ़ी, हनुमान गढ़ी के दर्शन किए और विभिन्न उच्च पर्वतीय गांवाें को देखा।

गाइड ऋषभ माहरा ने बताया कि गतवर्ष हिमालय की चोटियां बर्फ विहीन थीं। इस साल जनवरी माह में जमकर बर्फबारी हुई है। जिससे हिमालय की सुंदरता में चार चांद लगे हैं। यह पर्यटकों को खूब भा रहा है। दिल्ली के पर्यटक संजीता, नोएडा की हिमानी, गुरुग्राम के मंजीत सिंह ने बताया कि हिमालय की खूबसूरती को निहारने के लिए राठी हट से डुमेला मार्ग का ट्रैक आकर्षण का केंद्र है।

Show More

Related Articles

Back to top button