प्रदेश में बिजली की मांग और बढ़ गई है, जिसके चलते यूपीसीएल को आपूर्ति करने में काफी मशक्कत उठानी पड़ रही है। हालात ये है कि दिन में तो बाजार में आसानी से सस्ती बिजली उपलब्ध हो रही है लेकिन शाम को पीक आवर में 10 रुपये प्रति यूनिट की दर पर भी बिजली नहीं मिल पा रही है। हालांकि निगम का दावा है कि मांग के सापेक्ष करीब पूरी बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे घोषित कटौती नहीं हो रही।
पहली बार प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची है। बारिश कम होने से यूपीसीएल की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। ऊर्जा निगम मुख्यालय के मुताबिक, बिजली की मांग जून माह में रिकॉर्ड 6.4 करोड़ यूनिट तक पहुंची है। इसके सापेक्ष उपलब्ध महज 5.8 करोड़ यूनिट तक है। रोजाना 80 लाख से एक करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है।
दिन में बाजार में उपलब्धता होने की वजह से सस्ती दरों पर बिजली मिल पा रही है लेकिन शाम को पीक आवर में बाजार में भारी शॉर्टेज हो रही है। इसके चलते 10 रुपये के दाम पर भी बिजली नहीं मिल पा रही है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि बाजार में पीक आवर में बिजली जुटाना काफी चुनौतीपूर्ण हो रहा है।
मौसम ने दी कुछ राहत
बुधवार को प्रदेश के मैदानी इलाकों खासतौर से देहरादून व आसपास बारिश हुई, जिसकी वजह से यूपीसीएल को कुछ राहत मिली है। अब आने वाले दिनों में बारिश होने पर ही यूपीसीएल को कुछ उम्मीद है। यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, फिलहाल कहीं भी घोषित कटौती नहीं की जा रही है। स्थानीय कारणों से ही कटौती हो रही है।