किसानों को मिलेंगे 10-10 आरी के पट्टे, इतना मार्फिन देना अनिवार्य

केंद्र सरकार ने नई अफीम नीति जारी की है। जिसके तहत किसानों को 10-10 आरी के पट्टे मिलेंगे और प्रति हेक्टेयर 5.9 किलो मार्फिन देना अनिवार्य होगा। तय मात्रा में मार्फिन नहीं देने पर अगले साल लाइसेंस नहीं मिलेगा।

मध्यप्रदेश और राजस्थान के हजारों किसानों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने गुरुवार देर रात अफीम नीति पर राजपत्र जारी कर दिया। इसके तहत किसानों को 10-10 आरी के पट्टे दिए जाएंगे। किसानों को 5.9 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मार्फिन देना अनिवार्य होगा। नीति में स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2026-27 में अफीम पोस्त की खेती का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भी यही शर्त लागू होगी। यदि किसान निर्धारित मात्रा में मार्फिन नहीं देंगे तो उन्हें अगले वर्ष पट्टा लेने की पात्रता नहीं मिलेगी।

दअरसल, केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग के अधीन नीमच, मंदसौर सहित मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में अफीम की खेती होती है। हर वर्ष विभाग नई अफीम नीति घोषित करता है। वर्तमान में देशभर में करीब 50 हजार अफीम काश्तकार हैं। एक अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले नए सत्र के लिए नीति घोषित होने के बाद किसान फसल की तैयारी में जुट गए हैं। 10 आरी में 90 किलो डोडा पोस्त देने वाले किसान “लुनाई पद्धति” में शामिल किए गए हैं।

पात्रता की प्रमुख शर्तें
जिन्होंने वर्ष 2024-25 में अफीम की खेती की हो और प्रति हेक्टेयर कम से कम 4.2 किलो मार्फिन दी हो।

जिन किसानों ने वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की देखरेख में जुताई की हो।

जिन किसानों की अपील पर लाइसेंस रद्द करने का आदेश 2024-25 के बाद निरस्त किया गया हो।

जो किसान वर्ष 2024-25 के लिए पात्र थे, लेकिन किसी कारणवश लाइसेंस नहीं मिल सका या खेती नहीं कर पाए।

जिन किसानों को मृतक पात्र किसान द्वारा फार्म संख्या 1 के कॉलम संख्या 11 में नामित किया गया हो।

जिन्होंने वर्ष 2024-25 में पोस्त भूसा उत्पादन के लिए खेती की हो और लासिंग न करते हुए कम से कम 900 किलो प्रति हेक्टेयर भूसा प्रस्तुत किया हो।

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