कौन बनेगा उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन या पूर्व जस्टिस रेड्डी?

उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी.सुदर्शन रेड्डी के प्रचार में पूरा जोर लगा दिया है। रेड्डी के समर्थन में इंडिया ब्लाक के नेता हैं। जबकि सत्ता पक्ष सीपी राधाकृष्णन की जीत के प्रति आश्वस्त है।

आज हो रहे मतदान से पहले ही बीते दिन तीन दलों ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपना निर्णय सुना दिया। जनता दल(बीजू) और बीआरएस के साथ ही शिअद ने चुनाव से अलग रहने का फैसला किया है। बीजू जनता दल के राज्यसभा में 7 और बीआरएस के 4 सांसद और शिअद का एक सांसद है। लोकसभा में बीआरएस और बीजद के सदस्यों की संख्या 0 है। एनडीए की ओर से दलों से बातचीत, तालमेल बिठाने सीपी राधाकृष्णन को चुनाव में सफल बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य भूमिका में हैं। राजनाथ सिंह भाजपा के एक ऐसे नेता हैं, जिनका कई दलों के नेता सम्मान करते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता एसवी रमणी कहते हैं कि इस बार उपराष्ट्रपति का चुनाव दिलचस्प होगा। वह कहते हैं कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में क्रास वोटिंग हुई तो एनडीए के उम्मीदवार की किरकिरी होनी तय है।

दरअसल यह चुनाव सरकार की मजबूती,संघ और भाजपा के बीच में आपसी तालमेल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह की लोगों पर पकड़ का पैमाना होगा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी एक बड़ा ताना मारा है। उन्होंने कहा कि भाजपा में आपसी दरार है और वह समाज में दरार पैदा करने में सबसे आगे है। बताते हैं विपक्ष के तमाम नेताओं को लग रहा है कि कुछ हो सकता है।

नंबर तो सत्ता पक्ष (एनडीए) के पास है
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 782 मत पड़ने हैं। एनडीए के पास चुनाव जीतने के लिए जरूरी 391 मतों से 31 मत ज्यादा बताया जा रहा है। इंडिया ब्लाक के पास 312 मत हैं। इस तरह से संख्या बल के लिहाज से एनडीए का पलड़ा काफी भारी है। लेकिन उपराष्ट्रपति के चुनाव में व्हिप जारी नहीं होता। मतदान भी गोपनीय रहता है। इसलिए ‘क्रास वोटिंग’की गुंजाइश बन सकती है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों इसी क्रास वोटिंग की संभावना को समाप्त करने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं। विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने अपने संबोधन में भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए अंतररात्मा की आवाज पर लोगों से मतदान करने की अपील की है। विपक्ष को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे देने के कारण भी काफी संभावना दिखाई दे रही है।

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