राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमतों में मामूली गिरावट देखने को मिली है। इस सप्ताह प्याज की औसत खुदरा कीमत 67 रुपए प्रति किलोग्राम से घटकर 63 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। सरकार को उम्मीद है कि अगले 1-2 सप्ताह में कीमतों में और कमी आएगी।
कीमतों में गिरावट के कारण
राजस्थान के अलवर में प्याज की फसल लगभग तैयार हो गई है। हालांकि, दिवाली और छठ पर्व के दौरान खेतों में मजदूरों की कमी के कारण फसल की कटाई और ढुलाई में देरी हुई है। अब मजदूर धीरे-धीरे लौटने लगे हैं, जिससे लोकल प्याज की आपूर्ति बढ़ने की संभावना है।
सरकारी सप्लाई में तेजी
सरकारी सहकारी समितियां नैफेड और एनसीसीएफ ने प्याज की सप्लाई बढ़ा दी है। सरकार ने इस साल 4.75 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक तैयार किया है। पहले दिल्ली में प्याज की सप्लाई ट्रकों के जरिए होती थी लेकिन अब इसे मालगाड़ियों के माध्यम से भेजा जा रहा है, जिससे एक बार में लगभग 1400 टन प्याज दिल्ली पहुंच रही है। पिछले सप्ताह दो मालगाड़ियां प्याज लेकर दिल्ली पहुंची थीं और एक और मालगाड़ी नासिक से रवाना हो रही है।
व्यापारियों का क्या कहना है
आजादपुर मंडी में प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष श्रीकांत मिश्रा का कहना है कि कीमतों में स्थायी गिरावट आने में अभी एक या दो महीने का समय लग सकता है। मिश्रा के अनुसार, “इस साल प्याज की कीमतें असामान्य रूप से ऊंची बनी हुई हैं। हालांकि पिछले महीने मामूली गिरावट आई थी लेकिन कीमतें फिर से बढ़ गईं। खरीफ की फसल आने के बाद ही कीमतों में और कमी आने की संभावना है।”