चीन को रास नहीं आ रही भारत की तरक्की, इन दो सेक्टर पर लगाना चाहता है ब्रेक

दुनिया की सप्लाई चेन में चीन के विकल्प के रूप में तेजी से उभरते भारत के मैन्यूफैक्चरिंग और निर्यात बढ़ोतरी पर चीन ब्रेक लगाना चाहता है। दो माह पहले ऑटमोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स व रक्षा सेक्टर के मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई पर रोक के बाद चीन अब उन खाद की सप्लाई पर भी रोक लगा रहा है जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से फल व सब्जी की पैदावार बढ़ाने में होती है।

पिछले चार-पांच सालों में भारत अमेरिका समेत दुनिया के प्रमुख बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स खासकर स्मार्टफोन का तेजी से बड़ा सप्लायर बनता जा रहा है। दुनिया में स्मार्टफोन का सबसे अधिक आयात करने वाले अमेरिका के बाजार में चीन की हिस्सेदारी घट रही है तो भारत की बढ़ रही है। इस साल अप्रैल में अमेरिका में होने वाले एप्पल स्मार्टफोन के आयात में चीन की हिस्सेदारी सिर्फ 27 प्रतिशत रही जबकि भारत की हिस्सेदारी 57 प्रतिशत तक चली गई।

चीन-अमेरिका तनाव के बाद बढ़ा भारत का निर्यात
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव शुरू हुआ और तब से अमेरिका में भारत का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2019 में अमेरिका के बाजार में भारत का वस्तु निर्यात 54 अरब डालर का था जो वर्ष 2024 में 90 डालर तक पहुंच गया। इस साल मई में अमेरिका होने वाले चीन के निर्यात में पिछले साल मई की तुलना में 34 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि अमेरिका होने वाले भारत के निर्यात में 17 प्रतिशत का इजाफा रहा।

विदेश व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि रेयर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल्स खासकर इलेक्ट्रिक कार निर्माण के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से जुड़े निर्माण में होता है और इन सेक्टर में भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग तेजी से बढ़ रहा है। गत मई में भी भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 54 प्रतिशत का इजाफा रहा।

भारत से आने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट पर रोक रहा चीन
भारत सेमीकंडक्टर का भी बड़ा निर्माता बनने जा रहा है और सेमीकंडक्टर निर्माण में रेयर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन इन सेक्टर में भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग को बाधित करने के लिए ही चीन से भारत आने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट पर रोक लगा रहा है। अन्य देशों को रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति चीन ने शुरू कर दी है, लेकिन भारत के साथ यह मामला नहीं सुलझ पा रहा है।

विदेश व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले कुछ सालों से भारत का कृषि निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है और इनमें फल व सब्जी की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का कृषि निर्यात 35 अरब डालर का था जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 51 अरब डालर का हो गया।

चीन ने भारत भेजे जाने वाली उन खाद पर भी रोक लगा दी है जिसका उपयोग भारतीय किसान अपनी पैदावार बढ़ाने में करते हैं। भारतीय उद्यमी और सरकार रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति के लिए चीन के विकल्प की तलाश तेज कर दी है और उन वस्तुओं का भी विकल्प बनाने की तैयारी शुरू कर दी है जिनके लिए कमोबेश भारत चीन पर निर्भर है।

Show More

Related Articles

Back to top button