चुनाव आयुक्त के इस्तीफे पर सवालों के तीर दाग विपक्ष ने गरम की सियासत

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर तरह-तरह के सवाल दागते हुए इस पर सियासी गर्मी बढ़ा दी है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार से इस बात का जवाब मांगा है कि अरुण गोयल ने मोदी सरकार या मुख्य चुनाव आयुक्त किससे मतभेद होने के कारण इस्तीफा देने का बड़ा कदम उठाया है जबकि उनका कार्यकाल अभी चार साल बाकी था।

विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर तरह-तरह के सवाल दागते हुए इस पर सियासी गर्मी बढ़ा दी है। चुनाव आयुक्त के इस्तीफे के पीछे सरकार के दबाव से लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से उनके मतभेद की खबरों से जुड़े प्रश्नों के साथ विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की निष्पक्ष भूमिका को लेकर भी संशय के सवाल खड़े किए हैं।

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार से इस बात का जवाब मांगा है कि अरुण गोयल ने मोदी सरकार या मुख्य चुनाव आयुक्त किससे मतभेद होने के कारण इस्तीफा देने का बड़ा कदम उठाया है जबकि उनका कार्यकाल अभी चार साल बाकी था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने तो गोयल के इस्तीफे की खबर आने के तत्काल बाद शनिवार रात को ही इस पर सवाल उठाए थे। साथ ही तंज कसते हुए कहा कि कोलकता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस्तीफा देने के अगले दिन भाजपा में शामिल होकर तृणमूल कांग्रेस को गाली देना शुरू कर दिया इससे पता चलता है कि भाजपा ने ऐसी मानसिकता वाले लोगों को नियुक्त किया है।

‘गोयल का इस्तीफा तीन सवाल खड़े करता है’

कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि गोयल का इस्तीफा तीन सवाल खड़े करता है। क्या वास्तव में स्वतंत्र होकर काम करने के प्रयास में मुख्य चुनाव आयुक्त या मोदी सरकार के साथ मतभेदों या व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है? जयराम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दौरान के हर दिन लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों पर आघात बढ़ता जा रहा है। इसके बाद तंज कसते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि संभव है कि भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया हो।

चुनाव से कुछ दिन पहले इस अचानक रहस्य की वजह क्या है?

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखो ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के बंगाल की अपनी यात्रा बीच में ही छोड़कर दिल्ली आने और इस्तीफा देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव से कुछ दिन पहले इस अचानक रहस्य की वजह क्या है? उन्होंने आरोप लगाया कि यह बंगाल में वोट चुराने की भाजपा के गंदे प्रयासों की ”क्रोनोलॉजी” का एक हिस्सा है। गोखले ने दावा किया कि बंगाल में निश्चित हार देख हर तरीके से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है और गोयल को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है ताकि पीएम मोदी और उनके एक चुने हुए मंत्री को लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का मौका मिल सके।

‘गोयल खुद या फिर सरकार इस्तीफा के कारणों का खुलासा करें’

शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने इससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता प्रभावित होने की बात कहते हुए आरोप लगाया कि आयोग भाजपा की विस्तारित शाखा बन गया है। उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग वैसा नहीं जैसा टीएन शेषन के समय में था जब वह चुनावों की निष्पक्ष निगरानी करता था। राउत ने कहा कि अब जैसे हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, गर्वनर हाउस में भाजपा के लोगों को नियुक्त किया जाता है उसी तरह भाजपा के दो लोगों को आयोग में नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने मांग कि गोयल खुद या फिर सरकार इस्तीफा के कारणों का खुलासा करें।

वरिष्ठ वकील राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने चुनाव आयुक्त के इस्तीफे को चिंताजनक करार देते हुए कहा कि चुनाव आयोग सहित देश की निष्पक्ष संवैधानिक संस्थाआं को धीरे-धीरे नष्ट किया जा रहा है उनके अनुसार पिछले दस वर्षों में भाजपा ने देश के लगभग सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है जिसमें चुनाव आयोग भी शामिल है।

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