आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे जल्द भारत का दौरा करेंगे। भारत में श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण दिया है। उन्होने उम्मीद जताई की वह जल्द ही भारत की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका दोनों देशों के बीच 1000 साल पुराने संबंध हैं। श्रीलंका ने भारत में अपना पहला प्रतिनिधि 80 साल पहले भेजा था। हालांकि दोनों देशों के बीच औपचारिक संबंध 75 साल पहले शुरू हुए थे। दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं और हमारी नियति एक साथ जुड़ी हुई है।
एक-दूसरे का रखना होगा ख्याल- मिलिंडा
श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा कि भारत की सुरक्षा हमारी सुरक्षा है और हमारी सुरक्षा भारत की है। हमें एक-दूसरे का ख्याल रखना होगा। हमारे पास भारत से बड़ी संख्या में जहाज आ रहे हैं। खतरा चाहे जो भी हो, हमें एक-दूसरे की रक्षा करने की जरूरत है। श्रीलंका भारतीय रुपये के माध्यम से व्यापार का विस्तार करना की भी योजना बना रहा है। उन्होंने कहा, “भारतीय रुपए के माध्यम से व्यापार का विस्तार करना भारत के साथ हमारी पुनर्प्राप्ति रणनीति का हिस्सा है। हम RuPay तंत्र का उपयोग करने की संभावना भी देख रहे हैं, जिसके कारण श्रीलंका आने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए यह आसान हो सके।”
श्रीलंकाई और भारतीय मछुआरों के मुद्दे पर संवाद करने की जरूरत
उन्होंने श्रीलंका और भारत के मछुआरों के मुद्दों पर बात करने के लिए जोर देते हुए कहा, “श्रीलंकाई और भारतीय मछुआरों के मुद्दे पर हमें संवाद करने की जरूरत है। ऐसे कानूनी, पर्यावरणीय और पारिस्थितिक मुद्दे हैं जिन पर चर्चा करने की आवश्यकता है। बातचीत चल रही है। हालांकि यह कोई एक रात का समाधान नहीं है।” उन्होंने कहा कि श्रीलंका संकट के दौरान भारत ने तेजी से काम किया और हमें 3.9 अरब अमेरिकी डालर की सहायता दी। अगर भारत ने मदद नहीं की होती तो शायद हमें इतनी जल्दी वित्तीय सहायता नहीं मिलती। भारत ने श्रीलंका के लिए समर्थन प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।