
कोका कोला कंपनी इन दिनों एक अलग वजह से चर्चा में है। और वह वजह हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। उन्होंने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं कोका कोला कंपनी से अमेरिका में (बिकने वाले) कोक में गन्ने से बनी चीनी का इस्तेमाल करने के लिए कह रहा हूं। वे ऐसा करने पर राजी हो गए हैं। मैं इसके लिए कोका कोला के सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहूंगा। यह उनका बहुत अच्छा कदम होगा।”
कोका कोला इंग्लैंड और अमेरिका के पड़ोसी मेक्सिको समेत कई देशों में अपने ड्रिंक्स में चीनी का इस्तेमाल करती है। भारत में भी चीनी की बड़ी उपलब्धता को देखते हुए बेवरेज कंपनियां इसी का प्रयोग करती हैं। ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका में भी कंपनी यही करे। अभी वहां कोक में मिठास के लिए कंपनी कॉर्न यानी मक्के से बने सिरप (हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप) का प्रयोग करती है।
कुछ अध्ययन अमेरिका में बढ़ते मोटापे की बीमारी के लिए हाइ फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (high fructose corn syrup debate) को जिम्मेदार मानते हैं। स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ. केनेडी जूनियर ने अपने ‘मेक अमेरिका हेल्दी अगेन’ (MAHA sugar policy) आंदोलन में कॉर्न सिरप को टारगेट बना रखा है। केनेडी के अनुसार, चीनी और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप दोनों के नुकसान हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि चीनी के कुछ पोषक फायदे भी हैं।
ट्रंप के दावे पर कंपनी ने क्या कहा
ट्रंप के इस दावे पर शुरू में तो कंपनी ने कोक के प्रति ‘राष्ट्रपति ट्रंप के उत्साह’ का जिक्र करते हुए न्यूट्रल बयान दिया। लेकिन गुरुवार को इसने एक नया बयान जारी किया। इस बयान में उसने हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप के पक्ष में कुछ सकारात्मक तथ्य पेश किए। इस बीच, पेप्सीको ने भी एक बयान में कहा कि अगर ग्राहक चाहें तो वह अपने ड्रिंक्स में चीनी का इस्तेमाल कर सकती है।
कोका-कोला का कहना है, “हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप नाम सुनने में जटिल लगता है, जिसका इस्तेमाल हम अपने पेय पदार्थों को मीठा बनाने में करते हैं। लेकिन यह सुरक्षित है। इसकी एक सर्विंग में उतनी ही कैलोरी होती है जितनी चीनी में होती है। शरीर में दोनों का मेटाबॉलिज्म एक समान होता है।”
इसने अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन का भी हवाला दिया और कहा कि उसने इस बात की पुष्टि की है कि चीनी अथवा अन्य स्वीटनर की तुलना में हाई फ्रुक्टोज कॉर्न शुगर से मोटापा अधिक नहीं होता है। ग्राहकों को संबोधित करते हुए कंपनी ने लिखा, “कृपया आश्वस्त रहिए। कोका कोला ब्रांड के सॉफ्ट ड्रिंक्स में कोई भी हानिकारक पदार्थ नहीं होता है।”
एसोसिएशन ने वर्ष 2023 में एक बयान जारी किया था। उसने कहा था कि हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप अथवा फ्रुक्टोज वाले अन्य किसी स्वीटनर का प्रयोग बंद करने या ऐसे प्रोडक्ट पर चेतावनी का लेबल लगाने के लिए अभी हमारे पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
डाइट कोक के प्रेमी हैं ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में मशहूर है कि वे डाइट कोक का बहुत इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने अपनी मेज पर डाइट कोक का लाल बटन लगा रखा है। जब भी वे उस बटन को दबाते हैं, उनका स्टाफ डाइट कोक लेकर हाजिर हो जाता है। इस वर्ष जनवरी में जब ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले थे, तब कोका-कोला के सीईओ जेम्स क्विंसी उनसे मिले और उन्हें डाइट कोक की एक बोतल भेंट की थी। इस कोक में चीनी या कॉर्न सिरप का प्रयोग नहीं होता। इसमें कम कैलोरी वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्परटेम (aspartam) का इस्तेमाल किया जाता है।
चार दशक से हो रहा है कॉर्न सिरप का इस्तेमाल
1980 के दशक में कोका कोला ने अमेरिका में हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप का इस्तेमाल करना शुरू किया था। अमेरिका में कृषि को काफी सब्सिडी मिलती है। इस वजह से कंपनी के लिए वहां कॉर्न खरीदना और सिरप बनाना सस्ता पड़ता है। बेवरेज इंडस्ट्री 55% हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप का प्रयोग करती है जबकि बेकिंग इंडस्ट्री में 42% कॉर्न सिरप का इस्तेमाल होता है।
चीनी का प्रयोग करने के लिए कंपनी को इसका आयात करना पड़ सकता है। जिस तरह ट्रंप ने टैरिफ वॉर चला रखी है, उससे पूरी बेवरेज इंडस्ट्री की लागत बढ़ जाएगी। एक अनुमान के अनुसार अगर बेवरेज कंपनियां चीनी का इस्तेमाल करना शुरू करें तो इसका असर 285 अरब डॉलर के सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट पर पड़ेगा।
पूरी सप्लाई चेन बदलने की जरूरत पड़ेगी
इंडस्ट्री विश्लेषकों का कहना है कि हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप की जगह चीनी का इस्तेमाल करने के लिए सप्लाई चेन में व्यापक बदलाव की जरूरत पड़ेगी। कॉर्न सिरप और चीनी दोनों के प्रोड्यूसर बिल्कुल अलग हैं। एक पाउंड हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप बनाने में 2.5 पाउंड कॉर्न का प्रयोग होता है। इसलिए कॉर्न सिरप का इस्तेमाल बंद होने पर मक्के की डिमांड बहुत घट जाएगी, जिससे अमेरिकी किसानों को नुकसान होगा।
कॉर्न रिफाइनर्स एसोसिएशन का कहना है कि अगर अमेरिका की फूड और बेवरेज इंडस्ट्री में कॉर्न सिरप का इस्तेमाल पूरी तरह बंद हुआ तो इससे मक्के की खेती को 5 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में खाद्य और पेय पदार्थों में इस्तेमाल के लिए कॉर्न सिरप बनाने में 40 करोड़ बुशल मक्के का प्रयोग किया जाता है। यह अमेरिका के कुल मक्का उत्पादन का लगभग 2.5% है।
दूसरी तरफ अमेरिका में हर साल लगभग 36 लाख टन (गन्ने की) चीनी का उत्पादन होता है। इसका लगभग आधा ट्रंप के गृह राज्य फ्लोरिडा में होता है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो सालाना कॉर्न सिरप का उत्पादन 73 लाख टन का है।
जाहिर है कि अमेरिका को चीनी का आयात करना पड़ेगा। अगर अमेरिका चीनी आयात करता है तो वह ब्राजील से करेगा, क्योंकि वही उसका नजदीकी देश है। ब्राजील दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है। लेकिन ट्रंप ने ब्राजील से आयात पर 50% टैरिफ लगा रखा है।