तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन पर हर्ष व्यक्त करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पीएम मोदी ने हाल ही में बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया था। यह कैंपस प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित है।
विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए दलाई लामा ने लिखा कि यह पूर्व में चमकते सूर्य की तरह है। उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘शैक्षणिक केंद्र के रूप में मूल नालन्दा विश्वविद्यालय पूर्व में सूर्य की भांति चमक उठा।
कठोर अध्ययन, चर्चा और वाद-विवाद पर आधारित शिक्षा नालंदा में फली-फूली, जिसने एशिया भर से दूर-दूर से छात्रों को आकर्षित किया। दर्शन, विज्ञान, गणित और चिकित्सा के अलावा विद्यार्थियों ने अहिंसा और करुणा की सदियों पुरानी भारतीय परंपराओं के बारे में सीखा, जो आज की दुनिया में न केवल प्रासंगिक हैं बल्कि आवश्यक भी हैं।
तिब्बती धर्मगुरू ने आगे लिखा, ‘इन सकारात्मक गुणों के अलावा नालंदा के छात्रों ने मन और भावनाओं के कामकाज की गहन समझ विकसित की, जो शांति-शमथ और अंतर्दृष्टि-विपश्यना विकसित करने के लिए पारंपरिक भारतीय ध्यान प्रथाओं से उत्पन्न हुई थी। मेरा मानना है कि जिस तरह से नालंदा ने इन गुणों को तर्क और कारण के संदर्भ में प्रस्तुत किया है, उसका अर्थ है कि उन्हें मानवता के व्यापक लाभ के लिए आधुनिक शिक्षा के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है।’