लाओस और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से संबंधित मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली से चार प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान दिल्ली के मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, साहिल, बहादुरगढ़ (हरियाणा) के आशीष उर्फ अखिल और सीवान (बिहार) के पवन यादव उर्फ अफरोज उर्फ अफजल के रूप में हुई है। वे आकर्षक नौकरियों की पेशकश के बहाने भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशी देशों में तस्करी करने वाले संगठित तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि लाओस के विभिन्न हिस्सों में विदेशी नागरिक ऑपरेटरों के माध्यम से बड़े नेटवर्क संचालित करते हैं। तस्करी किए गए युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्रायंगल एसईजेड और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। इन कॉल सेंटरों के माध्यम से युवाओं को निवेश घोटाले, संबंध घोटाले और क्रिप्टोकरेंसी घोटाले जैसी अवैध ऑनलाइन गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मजबूर किया गया।
एनआईए ने इस साल 19 जून को दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया था, ऐसे सभी मानव तस्करी सिंडिकेट को खत्म करने के लिए अपनी जांच जारी रख रही है। मई में एजेंसी ने संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस के सहयोग से छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 15 स्थानों पर व्यापक तलाशी ली। तलाशी के दौरान मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामलों में आठ नई एफआईआर दर्ज की गईं। इसके बाद जून में एनआईए ने मुंबई में इसी तरह के एक मामले में विदेशी नागरिकों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।