राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के किनारे बनने वाले नाले के निर्माण से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी रिश्तेदार सहित चार इंजीनियरों की जांच सीबीआई करेगी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुमति दे दी है। यह मामला साल 2015-16 का है। आरोप था कि नाले को बनाने के लिए फर्जी और जाली चालान के आधार पर ठेकेदार को भुगतान किया गया। इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।
आरोप है कि निर्माण कार्य करने वाली निजी कंपनी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल की है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी का कहना है कि सुरेंद्र कुमार बंसल की मौत 2017 में ही हो गई थी। दिल्ली के उपराज्यपाल लोगों को गुमराह करने और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इस मामले को उठा रहे हैं। सुरेंद्र कुमार बंसल अरविंद केजरीवाल के राजनीति में आने से पहले ठेके पर काम कर रहे थे। पार्टी इस मामले की निष्पक्षता से जांच की मांग करती है।
दिल्ली सरकार के कामों को रोकने की कोशिश
दिल्ली सरकार का कहना है कि बीते दो साल से केंद्र सरकार की सभी जांच एजेंसियां हर सप्ताह मनगढ़ंत कहानी बनाकर आरोप लगाती हैं। आरोप में करोड़ों रुपये की भ्रष्टाचार की बात कही जाती है, लेकिन अब तक एक भी मामले में केंद्र सरकार की किसी भी एजेंसी द्वारा एक पैसे की बरामदगी हमारे किसी मंत्री या उनके जानकारों के घर से नहीं हुई है। यह जांच भी बाकी जांचों की तरह है। अदालत में आते ही यह जांच भी उसी तरह से हवा हो जाएंगी, जिस तरह से पुराने मामले हवा हुई हैं। केंद्र सरकार अपनी पूरी ताकत से दिल्ली सरकार के कामों को रोकने की कोशिश कर रही है।