उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को यहां केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की और अलकनंदा एवं भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 50 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य वाली परियोजनाओं को प्रारंभ किए जाने की अनुमति प्रदान करने का किया अनुरोध।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि धामी ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि उत्तराखंड की सीमा में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय जल आयोग और जल संसाधन मंत्रालय द्वारा राज्य की अन्य नदी घाटियों जैसे धौलीगंगा, गौरीगंगा पर पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं के विकास के लिए भी अनुमोदन प्रदान नहीं किया जा रहा है। बयान के मुताबिक धामी ने इस संबंध में राज्य की अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किए जाने का केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया।
वहीं पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की विद्युत ऊर्जा की मांग की पूर्ति के लिए खुले बाजार से प्रतिवर्ष 1,000 करोड़ रुपए की ऊर्जा का क्रय किया जाता है और राज्य में उपलब्ध जल स्रोतों से लगभग 25 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आंकलन किया गया है, परंतु वर्तमान में केवल 4200 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में बनने वाली जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी लागत 3808.16 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पुनरीक्षित लागत की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पिथौरागढ़ की 170.57 करोड़ लागत की 15 परियोजनाओं के लिए शत प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण की संस्तुति पर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
सीएम ने केंद्रीय मंत्री को उत्तराखंड की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यान्वयन में हो रहे विलम्ब की जानकारी दी और लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।