ज्योतिषियों की मानें तो नव वर्ष के पहले दिन शुभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 02 जनवरी को सुबह 04 बजकर 36 मिनट तक है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होगी। इसके अलावा नव वर्ष के पहले दिन तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है।
सनातन धर्म में पौष महीने का विशेष महत्व है। इस महीने से ही अंग्रेजी कैलेंडर की शुरुआत होती है। साल 2024 का पहला दिन सोमवार है। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन महादेव संग माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। शिव पुराण में निहित है कि सोमवार के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही दुख और संताप भी दूर हो जाते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो सोमवार 1 जनवरी को इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का अभिषेक करें। आइए, शुभ मुहूर्त और शुभ योग जानते हैं-
तिथि
नववर्ष के पहले दिन पौष महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि दोपहर 02 बजकर 28 मिनट तक है। इसके पश्चात, षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। नव वर्ष के पहले दिन सुबह 08 बजकर 36 मिनट तक मघा नक्षत्र है। इसके बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है।
योग
ज्योतिषियों की मानें तो नव वर्ष के पहले दिन शुभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 02 जनवरी को सुबह 04 बजकर 36 मिनट तक है। इस योग में भगवन शिव की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, नव वर्ष के पहले दिन तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है। ये दोनों ही शुभ माने जाते हैं। इस योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।
शिव वास
ज्योतिषियों की मानें तो नव वर्ष के पहले दिन यानी सोमवार को देवों के देव महादेव दोपहर 02 बजकर 28 मिनट तक नंदी पर सवार रहेंगे। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अतः साधक नव वर्ष के प्रथम दिवस पर दोपहर 02 बजकर 28 मिनट तक रुद्राभिषेक कर सकते हैं। इस दौरान रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करने से शुभ कार्य में सफलता प्राप्त होती है।