पर्यावरण संरक्षण पर शोध व नीति की दिशा तय करेगा वैज्ञानिकों का संवाद

लखनऊ। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में पादप एवं पर्यावरण प्रदूषण पर आयोजित सातवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन मंगलवार को संपन्न हुआ। समापन समारोह में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी मुख्य अतिथि रहे। निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी ने कहा कि सम्मेलन के दाैरान वैज्ञानिकों के मंथन व संवाद के निष्कर्ष भविष्य के वैज्ञानिक शोध और तकनीकी विकास की दिशा तय करेंगे।

अवनीश कुमार अवस्थी ने पर्यावरण संरक्षण में पौध-आधारित समाधान को महत्वपूर्ण बताते हुए शोध को नीति-निर्माण से जोड़ने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में प्रदेश में दो अरब से अधिक पौधे लगाए गए हैं। यह पूरे भारत में किए गए पाैधरोपण का एक तिहाई है। कार्यक्रम में एमेरिटस वैज्ञानिक डॉ. यूसी लवानिया को आई-सेब की मानद फेलोशिप दी गई। अंतिम दिन प्रो. बिस्वजीत प्रधान, डॉ. विवेक पांडेय, डॉ. सौमित के. बेहरा, प्रो. मुकुंद देव बेहरा, प्रो. अजय शर्मा और डॉ. देबाशिष चक्रवर्ती के व्याख्यान मुख्य आकर्षण रहे।

सराहे गए शोधार्थी

सम्मेलन के पोस्टर सत्रों में देशभर से शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। उत्कृष्ट प्रतिभागियों में बार्क मुंबई के एम. पांडेय, नेगी पी., एनबीआरआई की अदिति पाठक, दिशा मैत्रा, एकता गुप्ता, तुषार लोहित, हिमांशु शर्मा, मरिया नसीम, डब्ल्यूआईआई देहरादून की अनिषा गांगुली, सीमैप की दिशा मिश्रा, नाजिया सैयद, एनआईओ गोवा की वितस्ता जाड, नेहू की स्तुति जैन, गोरखपुर विवि की मेघना जायसवाल, बिट्स पिलानी की शैली चौहान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की नेत्रा केशरवानी सहित अन्य प्रतिभागी शामिल रहे।

Show More

Related Articles

Back to top button