लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को शाम छह बजे तक बिहार की चार सीट पर 76 लाख मतदाताओं में से लगभग 48.23 प्रतिशत ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने कहा कि राज्य के चार संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों औरंगाबाद, गया, नवादा एवं जमुई में शुक्रवार शाम छह बजे तक सम्पन्न मतदान के दौरान 48.23 प्रतिशत मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि इन सीट पर शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और सुचारू रूप से मतदान संपन्न कराए जाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 7,903 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
औरंगाबाद में लगभग 50, गया में 52, नवादा में 41.50 और जमुई में 50 प्रतिशत मतदान हुआ। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इन सीट पर शाम छह बजे तक मतदान प्रतिशत 53.47 रहा था। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान औरंगाबाद में शाम छह बजे तक 53.63, गया में 56.16 प्रतिशत नवादा में 49.33 और जमुई में 55.21 प्रतिशत मतदान हुआ था। नक्सल प्रभावित इन क्षेत्रों में कड़ी निगरानी के लिए और मतदाताओं में विश्वास पैदा करने के उद्देश्य से एक हेलीकॉप्टर तैनात किया गया था। इसके अतिरिक्त किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने का दावा करते हुए कहा कि नवादा और औरगांबाद जिले के कुल सात मतदान केंद्रों पर विकास के विभिन्न मुद्दों को लेकर वोटिंग का बहिष्कार किए जाने की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान कुल 53 शिकायत प्राप्त हुईं, जिनका समय पर निपटान कर दिया गया। बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार चुनाव पूर्णतः शान्तिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ, कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय या हिंसक घटना की सूचना नहीं है। उसके मुताबिक, इन चार लोकसभा क्षेत्रों में आनी कुल 24 विधानसभा सीट में से 15 नक्सल प्रभावित इलाकों में थीं जहां मतदान सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक हुआ। वहीं, अन्य शेष विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम छह तक मतदान हुआ।