“आज बिहार के 85 लाख से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। जमुई में ही किसानों को इस योजना के तहत 850 करोड़ रुपये से अधिक उनके बैंक खाते में पहुंचे हैं। यह घमंडिया गठबंधन की सरकार होती तो क्या आपके खाते में सीधे पैसे भेजने की योजना बनती क्या? यह लोग आपके पैसे लूट लेते और आपसे हस्ताक्षर करवा लेते कि पैसा मिल गया है। एक-दूसरे को जेल में बंद करने की मांग करने वाले आपको डरा रहे हैं कि मोदी आया….! भ्रष्टाचारी कान खोलकर सुन लें, यह मोदी नहीं आया। 140 करोड़ देशवासियों का गुस्सा निकल कर आया है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन शब्दों के साथ राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को सीधा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनके समय गरीबों को नौकरी देने के नाम पर जमीन लिखवा ली जाती थी। नीतीश जी भी रेल मंत्री थे, उनपर तो कभी ऐसा दाग नहीं लगा। जिनकी पहचान अपहरण उद्योग की रही, वह सड़क नहीं बनने देते थे। वह बिहार को लालटेन युग में रखना चाहते हैं, जबकि हम नीतीश कुमार के साथ रहकर बिहार में सड़क और हाइवे बना रहे हैं।
जंगलराज से राम मंदिर तक की बात की
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में जंगलराज से लेकर राम मंदिर तक की बात की। उन्होंने कहा कि जंगलराज में बेटियां बाहर नहीं निकल पाती थीं। उठा ली जाती थीं। कुछ भी अच्छा नहीं होने दिया जाता था। अपहरण ही उद्योग था। प्रधानमंत्री ने अयोध्या के राम मंदिर की चर्चा करते हुए कहा कि “राजद-कांग्रेस ने राम मंदिर को बनने से रोकने में पूरी ताकत लगा दी थी। आज भी यह लोग राम मंदिर का उपहास करते हैं। इन्होंने हर मौके पर बिहार और बिहार गौरव का अपमान किया है। यही लोग कर्पूरी ठाकुर का अपमान करते थे। हमारी सरकार ने बिहार के गौरव कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया तो इन लोगों ने विरोध किया। इन्हीं लोगों ने रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति बनाने का विरोध किया। आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मु जी को राष्ट्रपति बनाने का विरोध किया था।”