बाहुबली और पूर्व विधायक सुनील पांडेय अब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बन चुके हैं। रविवार सुबह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इतना ही नहीं पूर्व विधायक सुनील पांडेय के बेटे विशांत प्रशांत भी भाजपा में शामिल हो गए। बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यालय में उनकी सदस्यता को लेकर मिलन समारोह का आयोजन किया गया। सुनील पांडेय ने अपने कई समर्थकों को भी भाजपा में शामिल करवाया। इससे पहले सुनील पांडेय पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी पशुपति पारस के साथ थे।
जानिए, सुनील पांडेय का राजनीतिक सफर
नरेंद्र पांडेय उर्फ सुनील पांडेय पहली बार समता पार्टी की टिकट पर पहली बार पीरो विधानसभा सीट से जीत कर सदन पहुंचे थे। इसके बाद 2005 में लगातार दो बार विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। हालांकि, 2006 में उन्हें जनता दल यूनाईटेड से बाहर कर दिया था। कारण यह था कि उन्होंने पटना के एएसपी को गोली मारने की बात कही थी। 2010 में सुनील पांडेय फिर से जदयू में शामिल हुए। इसके बाद जीत गए। 2012 में ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सुनील पांडेय के भाई की गिरफ्तारी हो गई। इसके बाद वह राजनीतिक में पिछड़ते हुए चले गए। इसके बाद उन्होंने जदयू छोड़ दिया। 2015 में टिकट नहीं मिला तो पतनी को चुनावी मैदान में उतारा। लेकिन, काफी कम वोट से हार गए।
आपराधिक इतिहास भी रह चुका है सुनील पांडेय का
पूर्व विधायक सुनील पांडे पर संगीन अपराध में शामिल होने के कई आरोप भी रहे। साफ तौर पर कहें तो उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। 1990 से 2005 तक उनपर हत्या, डकैती, अपहरण, लूट के कई मामलों में संलिप्त होने के आरोप लगे हैं। कहा जाता है कि लालू-राबड़ी राज में आरा, भोजपुर, बक्सर से बनारस तक वर्चस्व था।