लोकसभा से पहले भाजपा ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे उसका नुकसान हो। यही कारण है, कि अभी बिहार विधानसभा भंग नहीं होगी। हालांकि, कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी और नीतीश की चुप्पी से विधानसभा भंग होने की चर्चाएं तेज थीं। लेकिन पार्टी हाईकमान ने विधानसभा भंग करने पर विचार से इनकार कर दिया। अब जल्द ही कैबिनेट का विस्तार संभव है। दो से तीन दिन के अंदर इस संबंध में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगा। नई कैबिनेट में करीब 22 मंत्री शपथ ले सकते हैं।
अभी बिहार सरकार में नीतीश को छोड़कर 8 मंत्री हैं। जबकि 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। बिहार भाजपा प्रभारी महासचिव विनोद तावड़े ने बताया कि, सत्र चलने की वजह से अभी तक कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका। सत्र खत्म होने के बाद एक मार्च के बाद कैबिनेट विस्तार पर काम होगा।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 18-20 मंत्री शपथ ले सकते हैं। मंत्री को लेकर अभी तक नाम तय नहीं है। कैबिनेट में जेडीयू के 12 विधायकों के शामिल होने की चर्चा है।
बीजेपी की बढ़ सकती है मुश्किलें
भाजपा में मंत्री पद को लेकर कई दावेदार हैं। ऐसे में उसमें से कैबिनेट मंत्री को लेकर सदस्यों का चयन भाजपा के लिए मुश्किल हो सकता है। हालांकि मंत्रिमंडल का फाइनल डिसीजन दिल्ली से ही होगा।
बिहार विधानसभा का गणित
243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 सीट जरूरी है। राज्य में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। जिसके पास 81 विधायक हैं। तीन सदस्यों खिलाफ दलबदल का केस चल रहा है। जबकि, एक सीट खाली है। आरजेडी के पास 78 विधायक हैं। जिसमें से तीन विधायक बागी हो चुके हैं। इन्होंने अभी किसी पार्टी को ज्वाइन नहीं किया है।