बीसीसीआई अध्यक्ष पद की दौड़ में बड़ा क्रिकेटर

सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद से बीसीसीआई का चुनाव हुआ तब से उसके अध्यक्ष पद पर एक खिलाड़ी को विराजमान किया गया। रोजर बिन्नी के बाद ऐसी चर्चा है कि एक बड़ा क्रिकेटर बीसीसीआई का अध्यक्ष बन सकता है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में अध्यक्ष सचिव उपाध्यक्ष संयुक्त सचिव कोषाध्यक्ष और आईपीएल चेयरमैन पद के लिए चुनाव होगा।

जब से लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद से बीसीसीआई का चुनाव हुआ तब से उसके अध्यक्ष पद पर एक खिलाड़ी को विराजमान किया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के जाने के बाद पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली अध्यक्ष और जय शाह सचिव बने। तीन साल के कार्यकाल के बाद 1983 विश्व कप टीम के गेंदबाज रोजर बिन्नी अध्यक्ष बने और जय सचिव रहे।

जय अब आईसीसी चेयरमैन बन चुके हैं, जबकि 70 साल की अधिकतर आयुसीमा पार करने के कारण बिन्नी पद से हट चुके हैं। बिन्नी के पद से हटने के कारण ऑटोमेटिक तौर पर उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला कुछ समय के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बन गए। सितंबर के आखिरी सप्ताह में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष और आईपीएल चेयरमैन पद के लिए चुनाव होगा।

इंग्लैंड में हो चुकी है बातचीत
जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है तब से खेल संघों में खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर जोर दिया गया है। बीसीसीआई के दो अध्यक्ष क्रिकेटर बने। अभी भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा हैं। इस बार भी कई रिकॉर्ड तोड़ने वाले एक बड़े क्रिकेटर को अध्यक्ष बनाने की तैयारी है। उनसे एक बड़े हुक्मरान ने इंग्लैंड में इसको लेकर बातचीत भी की थी। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चला है कि उस क्रिकेटर ने हां की है या ना।

एक सूत्र ने कहा कि इस बार भी बीसीसीआई का चुनाव होने की संभावना नहीं है। आपसी सहमति से सभी पदों पर लोग आएंगे। देश के कुछ बड़े लोग जो तय करेंगे वही होगा, जैसा पिछले दो चुनाव में हुआ है। सूत्रों के मुताबिक देवजीत सैकिया अपने पद पर बने रह सकते हैं जिन्होंने संयुक्त सचिव (दो साल और तीन महीने) और सचिव (नौ महीने) के तौर पर कुल मिलाकर तीन साल ही पूरे किए हैं।

बीसीसीआई में नहीं लागू हुए हैं नए नियम
बीसीसीआई के वर्तमान संविधान के आधार पर वह तीन साल और रह सकते हैं। भारत सरकार के नए कानून के अधिसूचित होने के बाद स्थितियां अलग होंगी। संयुक्त सचिव रोहन गौंस देसाई और कोषाध्यक्ष प्रभतेज भाटिया के भी अपने पद पर बने रहने की संभावना है। आईपीएल चेयरमैन पद के लिए मुंबई क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव संजय नाइक और वर्तमान उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के नाम चर्चा में हैं।

अगर राजीव शुक्ला फिर से आईपीएल चेयरमैन बनते हैं तो बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और भाजपा नेता राकेश तिवारी बीसीसीआई उपाध्यक्ष पद के दावेदार बन सकते हैं। एजीएम सितंबर के आखिरी हफ्ते में होने की उम्मीद है। इस साल के चुनाव बीसीसीआई के वर्तमान संविधान के अनुसार होंगे। राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम लागू होने में अभी कुछ समय लग सकता है। जुलाई में 70 साल के होने वाले रोजर बिन्नी अब दोबारा बीसीसीआई में किसी पद पर नहीं आ सकते।

राजीव शुक्ला भी हैं चर्चा में
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महत्वपूर्ण हितधारकों के बीच यह धारणा है कि एक प्रतिष्ठित क्रिकेटर को अध्यक्ष चुना जाना जाए तो बेहतर होगा। राजीव शुक्ला का मामला भी दिलचस्प है। उपाध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल 2020 में शुरू हुआ था और लोढ़ा संविधान के अनुसार उनके पास अभी एक साल बाकी है। इसमें एक पेच है। अगर राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम 2026 में अगली एजीएम से पहले लागू हो जाता है तो राज्यसभा सांसद को अनिवार्य रूप से (कूलिंग ऑफ) ब्रेक लेने की जरूरत नहीं होगी। ऐसी स्थिति में वह अगर फिर चुने जाते हैं तो अपना कार्यकाल पूरा कर सकेंगे।

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