दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत पिपरोधा के रहने वाले राजेन्द्र सिंह लोधी का मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में चयन हुआ है। राजेंद्र 53वीं रैंक हासिल कर नगर पालिक सीएमओ का पद हासिल किया है। राजेन्द्र ने बताया कि उनके पिता जवाहर सिंह लोधी एक छोटे किसान हैं और माता गृहणी हैं। तीन बहनों में अकेले राजेन्द्र ने प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से प्राप्त की और उसके बाद वो तेंदूखेड़ा चले गए। जहां, पांचवी के बाद की शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद जबलपुर से ग्रेजुएशन किया। यहीं से संघर्ष यात्रा शुरू हुई। हालांकि, ग्रेजुएशन होते ही राजेन्द्र का चयन पोस्ट ऑफिस में हो गया। लेकिन, पोस्ट ऑफिस की नौकरी से नाखुश राजेन्द्र ने कुछ बड़ा करने की ठानी और सिविल सेवा में जाने का मन बनाया।
कठिन परिश्रम के दम पर उन्होंने महज 23 साल की उम्र में 2019 में मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा दी। उसमे राजेन्द्र का चयन सहायक संचालक उद्योग विभाग पन्ना में हो गया, उसके बाद भी राजेन्द्र ने पढ़ाई जारी रखी और 2021 में एमपीपीएससी की परीक्षा दी, जिसका रिजल्ट विगत दिनों आया है। जिसमें उनका चयन मुख्य नगर पालिका अधिकारी (श्रेणी ख) के पद पर हुआ है। राजेन्द्र ने अपनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कुछ समय इंदौर में रहकर भी की है। वे बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान परिवार माता, पिता और मित्रों ने पूरा सहयोग किया। परिवार के सपोर्ट के बिना शायद इस मुकाम को हासिल करना संभव नहीं था। राजेन्द्र के सीएमओ बनने पर गांव के लोगों ने माता,पिता को शुभकामनाएं दी हैं।
युवाओं को दिया संदेश
राजेन्द्र सिंह लोधी ने कहा कि जो युवा साथी एमपीपीसीएस की तैयारी कर रहे हैं वो अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर लगातार कड़ी मेहनत करें, पढ़ाई के दौरान आत्मविश्वास बनाए रखें। एमपीपीएससी की परीक्षा पास करनी है तो पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई करें, इस दौरान धैर्य भी बहुत आवश्यक है जिससे आप सफलता पाने में कामयाब हो सकते हैं। वहीं, पिता जवाहर सिंह लोधी ने कहा बच्चों की अच्छी परवरिश करनी चाहिए। बच्चे को जिस चीज की लगन हो उसे वहीं करने देना चाहिए। राजेन्द्र चाहता था कि वह पढ़ाई करें तो मैंने उसे पढ़ाई कराई। आज कड़ी मेहनत से वह अधिकारी बन गया। सभी माता पिता को बच्चों को पढ़ाना चाहिए जिससे वे अपने पैरो पर खड़े हों सकें।
बड़े पिता जी नारायण सिंह लोधी ने कहा कि राजेंद्र मेरे छोटे भाई जवाहर सिंह का बेटा है। मेरी कोई संतान नहीं थी तो उसे ही अपना बेटा माना और उसे अच्छे से पढ़ाई करवाई। नारायण सिंह ने कहा कि मैं भी सिविल सेवा में जाना चाहता था, मैंने भी एमपीपीएससी की परीक्षा दी थी। लेकिन, मेरा चयन नहीं हुआ। ऐसे में मैंने अपने भतीजे राजेन्द्र को उसकी इच्छा अनुसार पढ़ाई कराई इंदौर भेजा। उसने अच्छी पढ़ाई की और पहले 2019 में उद्योग अधिकारी और अब सीएमओ बन गया है। अभी उसकी पढ़ाई जारी है और वह आगे आईएएस बनेगा।