पीठासीन अधिकारी नामित करने का अधिकार भले ही एलजी के पास है, लेकिन पीठासीन अधिकारी किसे नामित करना है, इसके लिए सीएम का सुझाव जरूरी है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल के जेल में रहने तक मेयर का चुनाव टल सकता है। पीठासीन अधिकारी नामित करने का अधिकार भले ही एलजी के पास है, लेकिन पीठासीन अधिकारी किसे नामित करना है, इसके लिए सीएम का सुझाव जरूरी है। सीएम के जेल में होने से दिल्ली के मुख्य सचिव को संबंधित फाइल एलजी कार्यालय को भेजनी पड़ी थी।
पीठासीन अधिकारी नामित नहीं होने के कारण 26 अप्रैल को मेयर का चुनाव नहीं हो पाया था। अब मौजूदा मेयर ही जिम्मेदारियों का निर्वहन करती रहेंगी। वे एमसीडी की सामान्य बैठक करती रहेंगी, लेकिन इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि महत्वपूर्ण आर्थिक व नीतिगत कामकाज बाधित रहेंगे।
इधर, निगम सचिव कार्यालय ने जानकारी दी है कि मेयर डॉ शैली ओबरॉय जब भी चाहें मेयर चुनाव की अगली तारीख दे सकती हैं। निगम सचिव कार्यालय फिर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए फाइल को आगे बढ़ा देगा। ये फाइल दिल्ली के शहरी विकास विभाग के माोध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय और फिर से एलजी कार्यालय पहुंचेगी। यदि जल्द ही ये प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो मेयर प्रत्याशियों को फिर से अपना नामांकन भी नहीं भरना पड़ेगा।