मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्लोबल वार्मिंग के संकट से निपटने के लिए जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की थी। बिहार सरकार जल, जीवन, हरियाली स्कीम के तहत 11 मुद्दों पर काम कर रही है इसमें से 7 का उद्देश्य जल संचयन और संग्रहण है। बाकी चार वृक्षारोपण, वैकल्पिक या जैविक कृषि, सौर ऊर्जा और अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने से संबंधित है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली योजना के लिए 24 हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी जलवायु परिवर्तन परियोजना भूमिगत जल के स्तर में सुधार,सिंचाई जल स्रोत में वृद्धि और वृक्षारोपण के जरिए प्रदूषण कम करने में सफल रही है।
जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पेड़ों का रोपण, पोखरों और कुओं का निर्माण करने के लिए की गई है। इस योजना के अंतर्गत बिहार में पौधों का रोपण किया जा रहा है। इसके अलावा पानी के परम्परागत स्रोतों जैसे- तालाब, पोखरों, कुओं का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही सरकार पुराने तालाब और कुओं की मरम्मत के लिए किसानों को मदद भी मुहैया करा रही है। इस योजना के तहत बिहार के किसानों को तालाब, पोखर बनाने और खेतों की सिंचाई के लिए सरकार 75,500 रुपए का अनुदान बतौर सब्सिडी दे रही है। जल जीवन हरियाली योजना 2024 के तहत चापा कल, कुआं, सरकारी भवनों में वर्षा के पानी को स्टोर करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य के किसान सरकार के मदद के आधार पर तालाब बनवा सकेंगे जिनसे उन्हें सिंचाई करने में परेशानी नहीं होगी।
मनरेगा के माध्यम से पिछले 2 वर्षों में इस योजना के तहत अब तक 1 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। इस योजना के तहत बहुत से ऐसे लाभ हैं जो राज्य के किसानों को दिए जा रहे हैं। जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है जहां पर आबादी के बड़े हिस्से का जीवन खेती पर निर्भर है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण में आ रहे बदलाव से मौसम का चक्र प्रभावित हो रहा है। पर्यावरण में बदलाव की वजह से बिहार में या तो अतिवृष्टि होती है या फिर अनावृष्टि से सुखाड़ का संकट खड़ा हो जाता है। इस संकट से निपटने के लिए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली योजना को शुरू किया है। इस योजना के जरिए भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही बिहार में बड़े पैमाने पर पेड़ लगाने की मुहिम भी चलाई जा रही है।
जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत होने वाले कार्य’
नीतीश सरकार की जल जीवन हरियाली योजना के तहत निम्नलिखित तरह के काम करवाए जा रहे हैं-
सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को अतिक्रमण से मुक्त करना।
सिंचाई के साधनों जैसे पुराने तालाब, पोखर, आहरों का जीर्णोद्धार करना।
सार्वजनिक कुओं को चिन्हित करना उनका जीर्णोद्धार करना।
सार्वजनिक चापाकलों, तालाब, पोखर, आहरों,नलकूपों के किनारे सोख्ता या जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना।
नदी,नालों पर जल संचयन चैक डैम और अन्य जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना।
नए जल स्रोतों का निर्माण तथा जिन नदियों में पानी अधिक है उनका पानी कम जल वाले क्षेत्रों तक पहुंचाना।
भवनों में वर्षा जल संचयन संरचना बनवाना।
बिहार में पौधशाला एवं सघन वृक्षारोपण करना।
वैकल्पिक फसलों,टपकन सिंचाई,जैविक खेती एवं अन्य तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना।
सौर ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देना।
‘जल जीवन हरियाली योजना से जुड़े मुख्य तथ्य’
जल जीवन हरियाली योजना के जरिए न केवल पर्यावरण को संतुलित करने की कोशिश की जा रही है बल्कि इसके जरिए मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर किसानों की आय भी बढ़ाई जा रही है। इस योजना से जुड़े कुछ अहम तथ्यों पर डालते हैं एक नजर-
इस योजना के तहत राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाया जायेगा।
इस योजना के तहत बिहार के किसानों को तालाब,पोखर बनाने और खेतों की सिंचाई के लिए सरकार 75500 रुपये की सब्सिडी आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान करती है।
जल जीवन हरियाली योजना के ज़रिए आहर, पोखर, छोटी नदियों, पुराने कुओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
इस योजना के तहत चापा कल, कुआं, सरकारी भवनों में वर्षा के पानी को स्टोर करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया जाता है।
छोटी नदियों नालों और पहाड़ी क्षेत्रों में चेकडैम का निर्माण भी इस योजना के अनुसार ही किया जा रहा है।
इस योजना के ज़रिये न केवल प्रदेश में फिर से पेड़ लगाने की मुहिम पर काम किया जा रहा है, बल्कि वर्षा के पानी से सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है।
जल जीवन हरियाली योजना का लाभ लेने की पात्रता
इस योजना के तहत आवेदन करने वाला आवेदक बिहार का स्थायी होना चाहिए।
इस योजना के तहत किसानों को केवल एक एकड़ की भूमि की सिंचाई के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
किसानो को जल जीवन हरियाली योजना के अनुसार 2 श्रेणियों में बांटा गया है, पहली व्यक्तिगत और दूसरी सामूहिक।
व्यक्तिगत श्रेणी के तहत वे लोग आते है जिनके पास 1 एकड़ तक कृषि योग्य भूमि है और वह एक एकड़ की भूमि में सिंचाई की व्यवस्था करना चाहते हैं।
दूसरी सामूहिक श्रेणी इस श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जो 5 हेक्टेयर से अधिक रकबे में एक साथ लेना चाहते हैं, उन्हें लागत की पूरी सब्सिडी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल जीवन हरियाली योजना से लोगों को अनगिनत लाभ मिल रहे हैं। भूजल के स्तर में सुधार हो रहा है, वृक्षों की संख्या में इजाफा हो रहा है, तालाबों का निर्माण हो रहा है और मत्स्यपालन की प्रवृति बढ़ रही है। साफ है कि नीतीश सरकार की इस योजना से पर्यावरण में परिवर्तन के संकट से निपटने की राह आसान हो रही है।