समाजवादी पार्टी ने विधानसभा में हारी हुई सीटों पर अभी से काम प्रारंभ कर दिया है। इनमें से हर विधानसभा क्षेत्र में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बूथ कमेटियां लगातार सक्रिय रहें। न्यूनतम पांच कार्यकर्ता ऐसे रहें, जो पार्टी की नीतियों को हर घर तक पहुंचाएं। सपा सूत्रों के मुताबिक, इस अभियान की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद समीक्षा कर रहे हैं।
2022 का विधानसभा चुनाव सपा, रालोद और सुभासपा ने मिलकर लड़ा था। सपा को 111, रालोद को 8 और सुभासपा को 6 सीटों पर सफलता मिली थी। इस तरह से सपा गठबंधन को 125 सीटें मिलीं। सपा ने खुद 345 सीटों पर अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारे थे। अब रालोद और सुभासपा सपा से अलग हो चुके हैं। इसलिए सपा ने अपनी जीती 111 सीटों के साथ ही अन्य 291 सीटों पर फोकस बढ़ाने का फैसला किया है।
पार्टी की जिला व शहर इकाइयों को कहा गया है कि इन 291 सीटों पर बूथ कमेटियों का न सिर्फ गठन हो, बल्कि उनकी सक्रियता भी बनी रहे। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए बूथ कार्यकर्ताओं के लिए समय-समय पर जिलास्तर पर होने वाली बैठकों में बुलाकर प्रेरित करने की योजना भी बनाई गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 32.1 प्रतिशत वोट मिले थे। आगामी विधानसभा चुनाव में सपा ने अपने पदाधिकारियों को 45 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने का लक्ष्य दिया है, ताकि सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आए।
उपचुनाव के लिए बनाई रणनीति
समाजवादी बाबा साहब आंबेडकर वाहिनी के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को लखनऊ में हुईृ, जिसमें आगामी विधानसभा के उपचुनाव में जीत की रणनीति पर चर्चा की गई। वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. संतोष जाटव ने कहा कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में बाबा साहब वाहिनी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पोलिंग स्तर पर तैयारी करने के लिए अभी से जुट जाना है। गांव-गांव जाकर लोगों से जनसंपर्क करना है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने कहा है कि पीडीए की मजबूती के लिए हमें प्रयासरत रहना होगा। बैठक में चौधरी सुरेश कुमार, राजेंद्र खरे, मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे।